पीएम की छवि खराब करने कांग्रेस पार्टी की साजिश का खुलासा!

Update: 2024-08-05 06:22 GMT

पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता नितिन लारेंस ने जनता से रिश्ता कार्यालय में दस्तावेज सौंपा, अपात्रों को बीएसयूपी आवास आबंटन का मामला

दोषी कर्मचारी को बचाने का प्रयास कर प्रेस क्लब की छवि खराब करने की कोशिश

प्रधानमंत्री आवास योजना के मकान को नियमानुसार बेचा और किराया नहीं दिया जा सकता

आबंटन के पूर्व नोटरी के माध्यम से हलफनामा लिया गया (शपथ पत्र) प्राथी का मकान प्रदेश में कहीं नहीं है, इस आधार पर झूठा शपथ पत्र देना भी अपराध के श्रेणी में आता है

कुछ अपात्र आबंटियों ने मकान लेकर बेच दिया या किराया पर दे रखा है, इस पर आर्थिक अपराध का कानून बनता है

ईओडब्ल्यू इस पर संज्ञान लेकर कार्रवाई करे

प्रधानमंत्री की महत्वकांक्षी योजना में मिली भगत कर अधिकारियों और पदाधिकारियों ने पत्रकार और प्रेसकर्मी को ना देकर अपात्रों को आवंटित किया है

पत्रकारों औऱ प्रेसकर्मियों को मिलने वाले आवास अपात्रों को: घोटाले का बड़ा खुलासा

यह है गौरवशाली रायपुर प्रेस क्लब का इतिहास, इसका सभी करें सम्मान

पत्रकारों को सरक्षण देने, सरकारी योजना का लाभ दिलाने और उनके पारिवारिक हितों की रक्षा करने के उद्देश्य से 1960 में रायपुर प्रेसक्लब की नींव रखी गई थी। जिसमें सर्वश्री राघवेंद्र गुमास्ता, मधुकर खेर, पं. गुलाम अली फरिश्ता, बसंत तिवारी, रामाश्रय उपाध्याय, गोविंद लाल वोरा, प्रमोद श्रीवास्तव, रम्मू श्रीवास्तव, कमलाकर खेर, एम बोधनकर (सभी दिवंगत) सहित अन्य मूर्धन्य पत्रकारों ने रायपुर प्रेस क्लब की नियमावली बनाई जिसके बाद इस नियमावली से प्रभावित होकर दिल्ली व लखनऊ के पत्रकारों ने रायपुर के सभी पत्रकारों को आमंत्रित किया और नियमावली के बारे में जानकारी लेकर अपने प्रेस क्लब में लागू किया। यह रायपुर प्रेस क्लब के लिए गौरव की बात है। प्रेस क्लब एक सम्मानित संस्था है। इसका सम्मान युवा पीढ़ी के पत्रकारों को करना चाहिए। रायपुर प्रेस क्लब का यह है गौरवशाली इतिहास।

रायपुर। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राजधानी के पत्रकारों को मिलने वाले मकानों पर प्रेस क्लब के कुछ लोगों ने मिलकर किया गोलमाल पत्रकारों औऱ प्रेसकर्मियों के लिए आवंटित होने वाले आवास प्रेस क्लब के पदाधिकारियों द्वारा फर्जी पत्रकारों और गैर प्रेसकर्मियों को आवंटित किए जाने का मामला हाई कोर्ट तक पहुंचा था।

शिकायतकर्ता नितिन लॉरेंस ने बताया कि पत्रकारों को मिलने वाले आवास स्थानीय प्रेस क्लब के पदाधिकारियों द्वारा अपात्र लोगों को बांटने का काम किया गया है नितिन लॉरेंस ने कहा की सूचना के अधिकार के तहत उन्होंने संपूर्ण दस्तावेज एकत्रित कर मामला हाईकोर्ट में लगाया था जहां पर माननीय न्यायालय ने सुनवाई करते हुए इस पर लिबर्टी देते हुए राजधानी के सक्षम अधिकारियों के पास शिकायत करने की बात कही, माननीय न्यायालय के आदेश पर नितिन लॉरेंस ने लोक आयोग छत्तीसगढ़, नगर निगम कमिश्नर, कलेक्टर रायपुर को लिखित शिकायत कर कार्यवाही की मांग की । दस्तावेजों में हेरफेर, फर्जी शपथ पत्र और नियम विरुद्ध रायपुर प्रेस क्लब द्वारा अपात्र फर्जी पत्रकारों के आवेदन लेकर अनुशंसा कर नगर निगम से आवास आवंटित करने की प्रक्रिया को शिकायत कर्ता ने नियम विरूद्ध माना है । प्रेस क्लब की अनुशंसा के आधार पर नगर निगम ने सभी आवेदनों को स्वीकृत करते हुए बीएसयूपी के मकान आवंटित कर दिए । यहां यह उल्लेख करना अति आवश्यक है की पत्रकार कोटे से जिन लोगों ने मकान लिए हैं उनमें से अधिकांश लोग पत्रकार है ही नहीं, फर्जी शपथ पत्र देकर उन्होंने अपने आप को पत्रकार घोषित किया है और जिसे प्रेस क्लब ने प्रमाणित भी किया है । नितिन लारेंस ने आरोप लगाया है कि तत्कालीन प्रेस क्लब अध्यक्ष समेत अन्य पदाधिकारियों ने पैसे लेकर ऐसे लोगों के आवेदन को सत्यापित किया है । निगमायुक्त ने शिकायत पर जांच करने का आदेश सभी जोन कमिश्नर को पत्र के माध्यम से जारी किया था जिस पर किसी भी जोन कमिश्नर ने समय अवधि के अंदर जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की, जिससे नाराज होकर निगम कमिश्नर ने 22 अप्रैल 2022 को अपने अधीन सभी जोन कमिश्नरों को चेतावनी देते हुए । दिनों के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने की बात कही है।

सूचना के अधिकार से प्राप्त दस्तावेजों को गंभीरता से जांच करने पर या स्पष्ट होता है कि लगभग सभी आवेदन कर्ताओं पर झूठा शपथ पत्र, झूठा पत्रकार कार्ड, झूठे आय प्रमाण पत्र के साथ-साथ अनेक लोगों के नाम से 2 से 3 आवास एक ही नाम से लेने एवं समृद्ध शाली होने के बावजूद अपने आप को गरीबी रेखा से नीचे बताने के आरोप में जुर्म दर्ज करने की कार्यवाही की जा सकती है । शिकायतकर्ता नितिन लॉरेंस ने पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि फर्जी सत्यापन करने के आरोप में प्रेस क्लब अध्यक्ष पर अपराधिक प्रकरण दर्ज होना चाहिए साथ ही संबंधित फर्जी आवेदकों पर भी गंभीर धाराओं के तहत जुर्म दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए । पत्रकारों के लिए आवंटित होने वाले आवास घोटाले का खुलासा करने वाले शिकायतकर्ता नितिन लॉरेंस का कहना है कि नगर निगम के अधिकारीयों ने भी बिना सत्यापन किए प्रेस क्लब के सत्यापन को सही मानते हुए मकान आवंटित किए हैं इसलिए नगर निगम के संबंधित अधिकारियों पर भी घोटाले में सहयोग करने के लिए जुर्म दर्ज कर कार्रवाई की जानी चाहिए । यहां सवाल यह उठता है कि लाखों की तनख्वाह लेने वाले अधिकारी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन क्यों नहीं करते जो खामियां आम आदमी को नजर आती हैं वह अधिकारियों को नजर क्यों नहीं आती जबकि वे इसी बात की तनख्वाह लेते हैं ।

पिछली सरकार ने सेटिंग के कारण कोई कार्रवाई किया अब नए सरकार से उम्मीद है कि पत्रकार औऱ प्रेस कर्मचारियों के हक में डाका डालने वाले दोषियों पर सख्त कार्रवाई करें।

नितिन लारेंस

पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता  

Tags:    

Similar News

-->