श्री अग्रवाल आज अमर शहीद महाराजा प्रवीर चंद्र भंजदेव की 56 वीं पुण्यतिथि पर आयोजित बलिदान दिवस एवं श्रद्धांजलि सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा की 31 मार्च 1961 में लोहंडीगुड़ा हत्याकांड के समय कांग्रेस की सरकार थी उस समय डॉक्टर कैलाश नाथ काटजू मध्य प्रदेश के कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे।
उसी प्रकार 25 मार्च 1966 में जब जगदलपुर गोली कांड हुआ उस समय कांग्रेसी मुख्यमंत्री डी पी मिश्रा थे। यह गोलीकांड आदिवासियों के द्वारा लेवी ना देने के विरोध में हुआ था आदिवासियों की मांग थी कि हमारे पास खाने को नहीं है हम सरकार को लेवी कहां से दे, इस मांग का समर्थन राजा प्रवीर चंद्र भंजदेव कर रहे थे। पुलिस ने इस हत्याकांड में महाराजा साहब को उनके शयनकक्ष में घुसकर गोली मारी और महल प्रांगण आदिवासियों के लाश से पट गया। उन्होंने कहा कि इस हत्याकांड की हमारी सरकार आने पर जांच की जाएगी।
मां दंतेश्वरी मंदिर परिसर की सभा में उन्होंने कहा कि बस्तर की नई पीढ़ी को उनके योगदान किसी परिचित कराना चाहिए ताकि बस्तर के युवाओं में भी स्वाभिमान और सम्मान की भावना जागे कि प्रवीर चंद्र भंजदेव के क्षेत्र के निवासी हैं।
श्री अग्रवाल ने कहा स्वर्गीय भंजदेव जी कैंब्रिज से पास आउट थे फिर भी उन्होंने अपनी माटी की सेवा करना श्रेयस्कर समझा। वही कांग्रेस ने उनके राज्य को भारत संघ में विलय करने के बाद उनकी सारी संपत्ति जप्त कर सौदेबाजी की कि आप कांग्रेस में आ जाए तो आपके क्षेत्र के आदिवासी क्षेत्र को राहत दी जाएगी लेकिन कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया। कांग्रेस हमेशा ही वादाखिलाफी करती है उसे पूरा नहीं करती, वर्तमान में भी झीरम कांड की रिपोर्ट को नहीं माना जा रहा है वैसे ही जैसे प्रवीर चंद्र भंजदेव हत्याकांड के ऊपर गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं हुई।
श्री अग्रवाल ने इतिहास की घटनाओं का विस्तृत वर्णन करते हुए कहा कि ऐसे बलिदानी महापुरुष की जगदलपुर में एक भी आदम कद प्रतिमा नहीं है। हम घोषणा करते हैं कि उनकी आदमकद प्रतिमा स्थापित की जाएगी और 1966 में हुए नरसंहार में शहीद अन्य आदिवासी समर्थकों के सम्मान में भी स्मारक बनाया जाएगा। उन्होंने कहा की भाजपा सरकार 2024 में बनने के बाद शहीद प्रवीर चंद्र भंजदेव जी के सम्मान में उनके आंदोलन में स्थल लोहंडीगुड़ा में भी स्मृति स्थल बनाया जाएगा।
श्री अग्रवाल ने कहा की शहीद प्रवीर चंद्र भंजदेव जी कांग्रेस का क्रूर निशाना इसलिए बने क्योंकि वे आदिवासियों के हित के लिए और बस्तर के विकास के लिए सतत संघर्षरत थे। उन्होंने कहा कि प्रवीर चंद्र भंजदेव हत्याकांड की पुनः जांच होनी चाहिए और उनके हत्यारों को सजा मिलनी चाहिए। आज संकल्प लें कि भंजदेव जी के सपनों का बस्तर बनाने के लिए सर्व समाज जागृत हो यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
बलिदान दिवस एवं श्रद्धांजलि सभा में पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री अरविंद नेताम, पूर्व मंत्री केदार कश्यप, पूर्व विधायक डॉक्टर शुभउ कश्यप, राजाराम तोड़े, राजमाता, महाराज कमल चंद्र भंजदेव सहित जगदलपुर के प्रमुख लोगों के साथ बड़ी संख्या में सर्व समाज उपस्थित थे।