बाबा साहब को मनाने में जुटा कांग्रेस संगठन

Update: 2021-07-28 06:49 GMT

आरोपों की जांच की जगह विधायक को शो-काज नोटिस

आदिवासी समाज मामले को दवाने से नाराज, हाईकमान से शिकायत की तैयारी

रायपुर (जसेरि)। विधायक बृहस्पत सिंह के मंत्री टीएस सिंहदेव पर लगाए गए आरोपों के बाद कांग्रेस की राजनीति में खलबली मची हुई है। विधानसभा में विपक्ष द्वारा मामला उठाने के बाद कांग्रेस सरकार के मुखिया से लेकर प्रदेश प्रभारी तक डैमेज कंट्रोल में जुटे रहे। प्रदेश प्रभारी ने दिल्ली लौटना रद्द कर मुख्यमंत्री और मामले से संबंधित दोनो मंत्री-विधायक से चर्चा कर सोमवार को शाम मामला खत्म होने की बात कही थी लेकिन दूसरे दिन विधानसभा में मामला फिर गरमाने और विधायक के एफआईआर का गृहमंत्री द्वारा सदन में उल्लेख करने से टीएस सिंहदेव नाराज होकर सदन से चले गए। इसके बाद मामला एक बार फिर गरमा गया। इस पूरे प्रकरण में यह बात हैरान करने वाली है कि आदिवासी राज्य में एक आदिवासी विधायक पर हमले और उसकी पीड़ा को नजरअंदाज कर कांग्रेस एक कद्दावर और बड़े नेता के सम्मान की चिंता में डूबी नजर आ रही है। सिंहदेव की नाराजगी के बाद सीएम और प्रदेश प्रभारी ने मंत्रियों के साथ सिंहदेव से चर्चा की। सिंहदेव ने भी इस मामले में गेंद सीएम के पाले में डालते हुए यही कहा-कि इस मामले में अब जो कहना है सीएम ही कहेंगे।

कांग्रेस के भीतर इस पूरे प्रकरण को जिस तरह दबाने का प्रयास किया जा रहा है उसमें पीडि़त ही दरकिनार हो गया है और पूरा मसला मंत्री की नाराजगी और उसके सम्मान के इर्दगिर्द घुमने लगा है। हमला और अपनी हत्या की आशंका जताने वाले का मुंह बंद करा दिया गया और पूरी सरकार, पूरा संगठन उसी के खिलाफ लामबंद हो गया है। आदिवासी विधायक के आरोपों की जांच की जगह मामले को दबा कर डैमेज कंट्रोल करने की कवायद की जा रही है। प्रदेश प्रभारी ने विधायक बृहस्पत सिंह को ही शो-काज नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। प्रदेश प्रभारी एक ओर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षण और उन्हें निगम-मंडलों में प्राथमिकता देने की बात कहते हैं वही आदिवासी राज्य में आदिवासी विधायक की शिकायतों पर जांच की जगह उसे शो-काज नोटिस थमा रहे हैं। पार्टी के भीतर उठे इस विवाद को कांग्रेस सरकार और संगठन जिस तरीके से सुलझाना चाहते हैं उससे कांग्रेस की राजनीति में दूरगामी परिणाम देखने को मिल सकते हैं। वर्तमान में भले ही मोर्चा बंदी कर पीडि़त विधायक को पार्टी से निष्कासित करने की मांग उठ रही हो लेकिन भविष्य में इसके नतीजे पार्टी के लिए चिंताजनक हो सकते हैं। सर्व आदिवासी समाज के एक नेता ने नाम न छापने के शर्त पर कहा कि एक आदिवासी विधायक के साथ अन्याय और अत्याचार हुआ है। आरोपों की पूरी जांच होनी चाहिए थी लेकिन सरकार और संगठन बड़े कद के चलते मंत्री की मान-मनौव्वल को तवज्जो दे रहे हैं। सर्व आदिवासी समाज इस मामले में कांग्रेस हाईकमान को पत्र लिख कर संपूर्ण स्थिति से अवगत कराते हुए आदिवासी विधायक साथ हुए अन्याय की जांच कर उचित कर्रवाई करने का मांग करेगा। सर्व आदिवासी समाज गृह मंत्री के विधान सभा में दिए बयान से भी आक्रोशित है।बंगले मे लौट चुके मंत्री सिंहदेव को फिर से विधासभा बुलाया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री कक्ष में मंत्रियों की मौजूदगी में चर्चा हुई। करीब एक घंटे 40 मिनट चली बैठक के बाद बाहर निकने सिंहदेव से जब सवाल किया गया कि क्या विवाद सुलझ गया, तो उन्होंने कहा कि यह भविष्य के गभ्र में है। सदन में वापसी के सवाल पर उन्होंने कहा कि बैठक में मैने अपनी बात कह दी है। में अपनी बात पर अब भी कायम हूं। आगे जैसी परिस्ििाति बनेगी, देखा जाएगा।

गृहमंत्री के वक्तव्य के बाद चले गए थे सिंहदेव

कांग्रेस से रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह के आरोपों पर शून्य काल में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू वक्तव्य देने खड़े हुए। उन्होंने एफआईआर की कॉपी पढ़कर सुना दी। इस पर स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव का सब्र टूट गया। उन्होंने कहा, मैं भी इंसान हूं। मेरे बारे में और मेरे चरित्र के बारे में यहां सभी जानते हैं। मेरे माता-पिता के व्यवहार और चरित्र से सभी परिचित हैं। उसके बाद भी उन पर ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं। शासन की ओर से जब तक उन पर लगे आरोपों के बारे में कोई स्पष्ट जवाब नहीं आ जाता, उनका सदन में रहना उचित नहीं है।

सिंहदेव बोले- मैं अपनी बात पर कायम : बैठक के बाद प्रेस से बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, फैसला भविष्य के गर्भ में है। इस मामले में अब जो कहेंगे वह सीएम ही कहेंगे। कल सदन में आने को लेकर पूछे गए सवाल में सिंहदेव ने कहा, मैं अपनी बात पर कायम हूं, यह परिस्थितियों पर निर्भर करता है।

क्या है यह पूरा विवाद : दरअसल रामानुजगंज विधायक बृहस्पत सिंह के काफिले की एक गाड़ी पर शनिवार रात को सरगुजा में पत्थर फेंके गए थे। गाड़ी के ड्राइवर और गार्ड से बदसलूकी हुई। आरोप है कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के एक रिश्तेदार ने उनकी गाड़ी ओवरटेक करने के विवाद में ऐसा किया। घटना की जानकारी मिलते ही विधायक थाने पहुंच गए। ड्राइवर की तहरीर पर एफआईआर लिख ली गई। पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। शाम को रायपुर पहुंचे विधायक ने प्रेस कॉफ्रेंस कर टीएस सिंहदेव पर हमले का आरोप लगा दिया। इसके बाद से प्रदेश की राजनीति गरमा गई।

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