कांग्रेस सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने की परसा कोल खदान के खनन की अनुमति निरस्त करने की मांग

Update: 2022-04-20 11:02 GMT

रायपुर। अंबिकापुर स्थित परसा कोल खदान के विरोध में अब कांग्रेस सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत भी उतर आई हैं। जंगल की जैव विविधता को नुकसान बताते हुए उन्होंने केंद्र सरकार से खनन की अनुमति निरस्त करने की मांग की है। इसको लेकर कोरबा दौरे पर आए केंद्रीय वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री अश्वनी चौबे को एक ज्ञापन भी सौंपा है। कहा है कि 2010 में UPA सरकार ने भी घने जंगल क्षेत्र को नोगो एरिया घोषित किया था। अब इसकी उपेक्षा की जा रही है।

सांसद महंत की ओर से कहा गया है कि हसदेव अरण्य वन क्षेत्र देश के कुछ चुनिंदा जैव विविधता वाले क्षेत्रों में है। यह पेंच राष्ट्रीय उद्यान से शुरू होकर कान्हा, अचानकमार होता हुआ पलामू तक विस्त़ृत वन कॉरिडोर का हिस्सा है। 700 किमी लंबा कॉरिडोर कोयला खनन करने से दो हिस्सों में बंट जाएगा। परसा और केले एक्सटेंशन कोल ब्लॉक घना जंगल क्षेत्र होने के साथ-साथ गेज व चरनोई नदी का जलग्रहण क्षेत्र भी है। दोनों नदियां हसदेव नदी की सहायक हैं।

कांग्रेस सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने की परसा कोल खदान के खनन की अनुमति निरस्त करने की मांग 

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