- राज्यसभा के लिए कांग्रेस ने घोषित किए ये 10 उम्मीदवार
- तपस्या में कमी रह गई, राज्यसभा का टिकट न मिलने पर बोले पवन खेड़ा
- सुरजेवाला को इंचार्ज महामंत्री, मुकुल वासनिक को राज्यसभा के नेता बनाए जाने की सुगबुगाहट, छग की दोनों सीट पर बाहरी प्रत्याशियों का विरोध
- जनता से रिश्ता ने कल ही आशंका जताई थी कि कांग्रेस पार्टी के आपसी खींचतान और प्रदेश अध्यक्ष की अधिक महत्वाकांक्षा के चलते आलाकमान अपने सरदर्द की इलाज के रूप में छत्तीसगढ़ की दोनों राज्यसभा सीटें दिल्ली के नेताओं के खाते में डाल सकती है। इस खबर की पुष्टी हुई है। पिछले अंक में प्रमुखता से इस खबर को प्रकाशित किया गया था।
नई दिल्ली (ए/नेट डेस्क)। कांग्रेस ने रविवार को राज्यसभा चुनाव के लिए 10 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की। इसमें पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा का नाम शामिल नहीं है, जो राजस्थान से एक दावेदार थे। इस पर उन्होंने रविवार रात ट्वीट करके कहा कि शायद मेरी तपस्या में कुछ कमी रह गई। यह बयान साफ तौर पर उनकी नाराजगी को दर्शाता है।
ट्वीट के कुछ देर बाद ही खेड़ा को सोशल मीडिया पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का समर्थन मिलने लगा। हालांकि, पार्टी प्रवक्ता सोमवार को इस पर सफाई देते नजर आए। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि मुझे पहचान कांग्रेस ने दी है। मैं अपनी इस बात से सहमत भी हूं और इस पर अडिग भी हूं।
राजस्थान से कांग्रेस के ये 3 उम्मीदवार : पार्टी ने पवन खेड़ा को मैदान में उतारने के बजाय राजस्थान से रणदीप सिंह सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को मैदान में उतारा है। इनमें से कोई भी मूल रूप से राजस्थान से नहीं है। सिरोही से कांग्रेस विधायक संयम लोढ़ा ने ट्वीट करके पूछा, कांग्रेस पार्टी बताए कि राजस्थान के किसी कांग्रेस नेता/कार्यकर्ता को राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार न बनाने का क्या कारण है?
नगमा नाराज, बोलीं- सोनिया ने किया था वादा : एक्टर से कांग्रेस की नेता बनीं नगमा ने पवन खेड़ा से सहमति जताते हुए लिखा कि उन्हें भी ऐसा ही लगता है... जैसे इमरान भाई (इमरान प्रतापगढ़ी) को महाराष्ट्र से मैदान में उतारा गया है। नगमा ने कहा, सोनिया गांधी ने 2003-04 में उन्हें राज्यसभा में शामिल होने के लिए व्यक्तिगत रूप से वादा किया था, जब मैं उनके इशारे पर पार्टी में शामिल हुईं। तब से 18 साल हो गए हैं, उन्हें कोई मौका नहीं मिला। इमरान को राज्यसभा भेजा गया है। मैं पूछती हूं कि क्या मैं कम योग्य हूं। कांग्रेस ने राज्यसभा के लिए 10 जून को होने वाले चुनाव के लिए रविवार को 10 उम्मीदवारों की घोषणा की, जिसमें केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम, जयराम रमेश और अजय माकन के साथ ही पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला शामिल हैं। चिदंबरम को तमिलनाडु, रमेश को कर्नाटक, माकन को हरियाणा और सुरजेवाला को राजस्थान से उम्मीदवार बनाया गया है।
पार्टी ने मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी को राजस्थान से, विवेक तन्खा को मध्य प्रदेश, राजीव शुक्ला और रणजीत रंजन को छत्तीसगढ़ तथा इमरान प्रतापगढ़ी को महाराष्ट्र से उम्मीदवार बनाया है। अगले दो महीनों में राज्यसभा में 55 सीट रिक्त हो रही हैं।
सात कांग्रेस सदस्य चिदंबरम (महाराष्ट्र), रमेश (कर्नाटक), अंबिका सोनी (पंजाब), विवेक तन्खा (मध्य प्रदेश), प्रदीप टम्टा (उत्तराखंड), कपिल सिब्बल (उत्तर प्रदेश) और छाया वर्मा (छत्तीसगढ़) अपने कार्यकाल पूरे करेंगे।
बीजेपी ने जारी की राज्यसभा के 18 उम्मीदवारों की लिस्ट, यूपी से लक्ष्मीकांत वाजपेयी को टिकट
भाजपा ने राज्यसभा चुनाव के लिए 18 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। पहली सूची में यूपी से लक्ष्मीकांत वाजपेयी और राधा मोहन अग्रवाल समेत 6 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया है। देर शाम दूसरी सूची में महाराष्ट्र और झारखंड से एक-एक राज्यसभा के उम्मीदवार के नाम घोषित किए गए। बता दें कि राज्यसभा की 57 सीटों पर 10 जून को चुनाव होने वाले हैं। 31 मई को नामांकन की आखिरी तारीख है। बीजेपी ने मध्य प्रदेश से कविता पाटीदार, कर्नाटक से निर्मला सीतारमन और जग्गेश, महाराष्ट्र से पीयूष गोयल और डॉ. अनिल सुखदेवराव, राजस्थान से घनश्याम तिवारी, उत्तर प्रदेश से लक्ष्मीकांत बाजपेई, राधामोहन अग्रवाल, सुरेंद्र सिंह नागर, बाबूराम निषाद, दर्शना सिंह, संगीता यादव, उत्तराखंड से कल्पना सैनी, बिहार से सतीश चंद्र दुबे, शंभू शरण पटेल और हरियाणा से कृष्ण लाल पंवार को उम्मीदवार बनाया है। दूसरी सूची में महाराष्ट्र से धनंजय महादिक और झारखंड से आदित्य साहू का नाम दिया है। बता दें कि उत्तर प्रदेश की 11 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने हैं। पार्टी ने 6 उम्मीदवारों की घोषणा की है। पार्टी ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी का वनवास खत्म किया है। वाजपेयी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में अहम भूमिका निभाई थी और संगठन की कमान संभाल रहे थे। उसके बाद 2022 के विधानसभा चुनाव में संगठन ने उन्हें जॉइनिंग कमेटी का चेयरमैन बनाया गया था। लक्ष्मीकांत वाजपेई ने चुनाव से पहले बड़े स्तर पर अन्य दलों के नेताओं को बीजेपी जॉइनिंग कराई थी। बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में यूपी में सबसे ज्यादा 73 सीटें बीजेपी ने जीती थी। वहीं, गोरखपुर के विधायक रहे राधा मोहन अग्रवाल भी राज्यसभा के उम्मीदवार बनाए गए हैं।
उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए सदर सीट छोड़ी थी। बताते चलें कि बीजेपी ने अभी यूपी की सिर्फ 6 सीटों पर ही प्रत्याशी घोषित किए हैं। यूपी की 7 राज्यसभा सीटों के लिए बीजेपी के पास पूर्ण बहुमत है। आठवीं सीट पर भी बीजेपी प्रत्याशी उतारेगी। जबकि सपा ने सिर्फ तीन प्रत्याशी ही अभी तक घोषित किए हैं। समाजवादी पार्टी गठबंधन के पास तीन प्रत्याशियों को जिताने के लिए ही बहुमत हैं।