कांग्रेस ने गरीबों की चिंता नहीं की : अरुण साव

Update: 2023-03-28 06:06 GMT

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदी को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. अरुण साव ने आड़े हाथ लेते हुए कहा, सरकार की ताजा घोषणा किसानों के साथ एक और छलावा है. उन्होंने यह भी कहा कि, पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने पूरे छत्तीसगढ़ में घूम-घूमकर यह कहा था कि, वह धान खरीदी की लिमिट को खत्म कर देंगे और अगर कांग्रेस मानती है कि, प्रति एकड़ धान की उत्पादकता 20 क्विंटल है तो यह बताएं की किसानों को 40,625 करोड़ का बकाया भुगतान कब करेगी?

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साव ने कहा, राज्य में पंजीकृत किसानों की संख्या के आधार पर औसत लगभग 65 लाख एकड़ से प्रति वर्ष धान की खरीद हो रही है. 5 वर्ष में कुल लगभग 3 करोड़ 25 लाख एकड़ से घान खरीदी हुई. कांग्रेस सरकार यदि 15 क्विंटल की जगह 20 क्विंटल खरीदी करती तो 5 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से 16 करोड़ 25 लाख क्विंटल सरकार को और किसानों से खरीदना होता और 2500 रु प्रति क्विंटल के हिसाब से यह राशि 40 हजार 625 करोड़ होती है. जो कांग्रेस सरकार को किसानों को देना चाहिए, अगर वह उत्पादकता को 20 क्विंटल प्रति एकड़ मानते हैं.

अरुण साव ने यह भी कहा कि, पूरी कांग्रेस पार्टी ओबीसी वर्ग का अपमान करने वाले राहुल गांधी के सम्मान में देश भर में प्रदर्शन कर रही है, लेकिन उन्हीं के द्वारा की गई घोषणा को छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने पूरा नहीं किया. अगर उनके सम्मान की चिंता है तो तुरंत किसानों को बकाया राशि देना चाहिए. अरुण साव ने कहा, सरकार किसानों के इतना ही हमदर्द बन रही है तो 5 साल में उन्होंने धान खरीदी की लिमिट 20 क्विंटल क्यों नहीं की? यह ठीक वैसा ही है जैसा कांग्रेस ने ‘गरीबी हटाओ’ का नारा देकर दशकों तक सत्ता का सुख भोगा और गरीबों की चिंता नहीं की.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साव ने चुनौती दी कि सरकार बेरोजगारी भत्ते की तरह अब राहुल गांधी के भाषण से मुकरने का प्रयास न करे. वे जब चाहें, जहां चाहें, हम राहुल गांधी के भाषण की क्लिप ले जाकर सुना देंगे. इतना ही नहीं साव ने यह भी कहा कि, पिछले विधानसभा चुनावों के समय किए गए वादों से मुकरने की जैसी होड़ प्रदेश कांग्रेस में चल रही है, उससे इस सरकार की विश्वसनीयता खत्म हो चुकी है. कांग्रेस सरकार लगातार किसानों को ठगते आई है. यह घोषणा इसकी एक और मिसाल है. कांग्रेस या तो बकाया राशि दे या कहे राहुल गांधी झूठे नेता हैं या अगर उत्पादकता इतनी नहीं होती तो स्वीकार करें की उन्होंने झूठी घोषणा की है.

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