ग्रामीण परिवारों के घरों में नल कनेक्शन के कार्यों को तेजी से पूर्ण कराएं

छत्तीसगढ़

Update: 2022-04-01 16:50 GMT

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रदेश व्यापी भ्रमण के मद्देनजर मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को मैदानी स्तर पर शासन की प्राथमिकता वाली सभी योजनाओं के क्रियान्वयन को और बेहतर बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आज मंत्रालय महानदी भवन में राज्य शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री आगामी दिनों में शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं का मैदानी स्तर पर जायजा लेंगे। सभी अधिकारी सजगता से कार्य करें और इन कार्यक्रमों के क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान रखें।

वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ली गई इस बैठक में मुख्य सचिव श्री जैन ने कहा कि शासन की प्राथमिकता वाली सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही दिक्कतों को दूर कर लिया जाए। साथ ही योजनाओं की प्रगति और लाभान्वित हितग्राहियों अद्यतन जानकारी रखें। बैठक में उन्होंने जल-जीवन मिशन, सी-मार्ट, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, शालाओं में शौचालयों का निर्माण, ग्रामीण औद्योगिक पार्क, ग्रामीण आजीविका मिशन, गोधन न्याय योजना, ग्रामीण हाट बाजार क्लीनिक सहित अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की। बैठक में अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री सुब्रत साहू, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणु जी पिल्ले, विशेष रूप से मौजूद थीं।
मुख्य सचिव ने जल-जीवन मिशन के तहत ग्रामीण परिवारों हेतु घरेलू नल कनेक्शन देने के कार्य में और अधिक प्रगति लाने कहा। उन्होंने कहा कि स्कूलों में अच्छी गुणवत्ता के शौचालय बनाये जाएं। मध्यान्ह भोजन के लिए स्थानीय उत्पादकों से खाद्य सामग्री क्रय कर उन्हें प्रोत्साहित किया जाए। श्री जैन ने सी-मार्ट की स्थापना एवं संचालकों के प्रशिक्षण की जानकारी ली और सी-मार्ट के लिए स्थानीय उत्पादों की बिक्री एवं इससे जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।
चिटफंड कम्पनियों के निवेशकों के आवेदनों नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करने के साथ ही शासकीय भवनों में रेनवाटर हार्वेेस्टिंग की स्थापना, प्रमुख नदियों में गंदें नालों का प्रवाह रोकना तथा एसटीपी का निर्माण तथा आगामी खरीफ सीजन में वर्मी कम्पोस्ट का ज्यादा से ज्यादा उपयोग के लिए किसानों को प्रेरित करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव श्री जैन ने कहा कि प्रत्येक गांव में एनीमिया और कुपोषण की स्थिति पर लगातार नजर रखी जाए। जिले स्तर पर इसकी समीक्षा के साथ ही कुपोषित बच्चे और एनीमिया ग्रस्त बच्चों का तत्काल इलाज कराया जाए।
इसी तरह से मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना में लगाये जा रहे शिविरों में अनिवार्य रूप से चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टॉफ की उपस्थिति सुनिश्चित करें तथा इन शिविरों में चिकित्सा के साथ-साथ पैथालॉजी की सुविधा मिले। उन्होंने कहा कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के तहत एनजीटी के दिशा-निर्देशों का अक्षरशः पालन किया जाए। अपशिष्ट प्रबंधन के लिए प्रत्येक जिले की तीन-तीन ग्राम पंचायतों को मॉडल पंचायत घोषित करने के लिए आवश्यक कार्यवाही की जाए। बैठक में प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा एवं ग्रामोद्योग डॉ. आलोक शुक्ला, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. मनिन्दर कौर द्विवेदी, सचिव आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग डी.डी. सिंह सहित नगरीय प्रशासन, जल संसाधन, सहकारिता एवं कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए।

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