जनदर्शन में लगातार पहुंच रही अवैध कब्जों की शिकायत...
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। कलेक्टोरेट में जनदर्शन में शहर में हो रहे अवैध कब्जों की शिकायतें पहुंचने से कलेक्टर नाराज हो गए हैं। उन्होंने राजस्व अफसरों से पूछा है कि अवैध कब्जों पर कार्रवाई कम या धीमी क्यों हो रही है। जनदर्शन की शुरुआत में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद वार्ड के पूर्व पार्षद गोविंद मिश्रा ने कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे को बताया कि अमलीडीह तालाब पर लगातार कब्जे हो रहे हैं। अफसरों को बताने पर भी कार्रवाई नहीं हो रही है। अकोली के सुरेश दीवान ने कहा कि औद्योगिक केंद्र विकास निगम सिलतरा की ओर से खाली जमीन को अधिग्रहित की जा रही है।
इस अधिग्रहण को आम लोगों के हित में रद्द करना चाहिए। खरोरा के योगेश चंद्राकर ने निजी जमीन पर से अवैध कब्जा हटाने की मांग की। कलेक्टर ने इस मामले में कहा- अवैध कब्जों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है।पहले शिकायतें ज्यादा थी, अब कम हुई हैं। जांच में अवैध कब्जा पाए जाने पर रजिस्ट्री में ही बैन लगा दिया जा रहा है। तहसीलवार अवैध कब्जों की जानकारी ली जा रही है। सुस्त अफसरों को नोटिस भी दे रहे हैं।
अब तक सात सौ खसरा नंबरों की जमीन की खरीदी-बिक्री बैन
पिछले छह महीने में 700 खसरा नंबरों की 47 एकड़ जमीन की खरीदी-बिक्री पर बैन लगा दिया गया है। इसके बावजूद शहर में अवैध कब्जों की शिकायतें कम होने के बजाय बढ़ रही हैं। कलेक्टोरेट में पिछले पांच जनदर्शन में 100 से ज्यादा शिकायतें मिलीं, इसमें करीब 40 शिकायतें जमीन संबंधित ही रहीं। किसी की जमीन पर अवैध कब्जा तो किसी मोहल्ले में, इतना ही नहीं, सरकारी जमीनों पर भी अवैध कब्जों की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं। कलेक्टर इस मामले में कई बार राजस्व अफसरों को फटकार भी लगा चुके हैं। इसके बाद भी अवैध कब्जों की शिकायतें कम नहीं हो रही हैं। अवैध कब्जों से कलेक्टर बेहद नाराज हैं। इसलिए सभी तहसीलों में एसडीएम के नेतृत्व में टीम बनाई गई। इसमें सभी विभागों के अफसरों को शामिल किया गया। लगातार जमीनों की जांच की गई। इसके बाद ही रायपुर की 47 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगा दी गई। जिले में अब तक 700 खसरा नंबरों में दर्ज कुल 140,2143 हेक्टेयर जमीन की खरीदी-बिक्री पर रोक लगाई जा चुकी है। इन सभी खसरा नंबरों की ऑनलाइन इंट्री भी कर ली गई है। यानी ऑनलाइन खसरा नंबर आते ही इन जमीनों की रजिस्ट्री भी नहीं हो पाएगी। लगातार कार्रवाई के बाद भी अवैध कब्जे नहीं रुक रहे हैं। भू माफिया ले-आउट और डायवर्सन के बगैर धड़ल्ले से अवैध प्लॉटिंग कर रहे हैं। सबसे ज्यादा अवैध प्लाटिंग आउटर में हो रही है।
पिछले साल 56 लोगों पर दर्ज हुई थी एफआईआर
पिछले साल अवैध कब्जों पर बड़ी कार्रवाई की गई थी। तहसील से मिली जांच रिपोर्ट के आधार पर 56 लोगों पर अलग-अलग थानों में निगम अफसरों ने एफआईआर भी दर्ज कराई थी। इसके बाद भी सबसे ज्यादा अवैध कब्जे निगम के 10 जोन क्षेत्रों में ही हुए। दरअसल इन सभी एफआईआर में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने की वजह से मामला पुलिस केस डायरी में ही उलझ कर रह गया। इससे अवैध कब्जा करने वालों के हौसले बुलंद हुए। राजनैतिक संरक्षण में इनसे जुड़े लोगों ने अवैध कब्जा करने का सिलसिला जारी रखा। अवैध कब्जा करने वालों पर निगम की कार्रवाई भी सवालों के घेरे में है। बताया जा रहा है कि अधिकतर जगहों पर निगम अफसरों ने कार्रवाई के नाम पर सांकेतिक तौर पर बाउंड्रीवॉल खुरची या मुरुम की सड़क को उखाड़ दिया। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। कई पॉश इलाकों में अभी भी भूमाफियाओं का जमीन पर अवैध कब्जा साबित है। निगम ने सबसे ज्यादा 9 एफआईआर पुरानीबस्ती थाने में दर्ज करवाई थी। डीडीनगर थाने में 5, गुढिय़ारी में 3 तथा आमानाका, कबीरनगर, मोवा, मुजगहन समेत कुछ थानों में एफआईआर दर्ज हैं। निगम की सूची के अनुसार दलदल सिवनी में 31 लोगों ने, भाठागांव में 34, मठपुरैना में 49, डूंडा में 43 और बोरियाखुर्द में 33 लोगों ने अवैध कब्जा किया है। तहसील से जो जांच रिपोर्ट मिली थी उसके आधार पर अटारी, हीरापुर-जरवाय, सोनडोंगरी, गोंदवारा, खमतराई, भनपुरी, दलदल सिवनी, आमासिवनी, कचना, गुढिय़ारी, गोगांव, कोटा, चिरहुलडीह, डूमरतालाब, रायपुरा, डंगनिया, चंगोराभाटा, भाठागांव, मठपुरैना, जोरा, बोरियाखुर्द, डूंडा, देवपुरी में सबसे ज्यादा सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे हुए हैं।
11 नवंबर को जारी होगा रायपुर का नया मास्टर प्लान
रायपुर का नया मास्टर प्लान 11 नवंबर को जारी किया जाएगा। सभी लोग इस प्लान को रायपुर-बीरगांव नगर निगम, संभाग कमिश्नर, कलेक्टोरेट और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के दफ्तर में देख सकेंगे। जारी होने की तारीख से एक महीने तक लोग इस प्लान में किसी भी तरह की दावा-आपत्ति दर्ज करवा सकेंगे। सभी आपत्तियों के निराकरण के बाद ही इस फाइनल किया जाएगा। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ने मास्टर प्लान जारी करने की तैयारी पूरी कर ली है। 9 नवंबर को प्लान जारी करने की सूचना जारी की जाएगी। 11 नवंबर से चारों दफ्तरों में इसकी एक-एक कॉपी भी उपलब्ध करवा दी जाएगी। अफसर इस बात की भी कोशिश कर रहे हैं कि मास्टर प्लान टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन भी जारी किया जाए। इससे लोगों को दफ्तरों में भी जाने की जरूरत नहीं होगी। राजधानी का 2031 का मास्टर प्लान 30 लाख की आबादी के अनुसार बनाया गया है। 2021 में रायपुर का दायरा 226 वर्ग किमी था। लेकिन नए प्लान में दायरा दोगुना होकर 503.67 वर्ग किमी का हो गया है। नए प्लान में 30 से ज्यादा नई एमआर सड़कें (टू-फोरलेन) बनाई जा रही है। इसमें पुरानी सड़कों की चौड़ाई बढ़ाना भी शामिल है। नए एजुकेशन या रेसिडेंशियल हिसाब से पिछले प्लान की तुलना में 34152.32 हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी, जिसे प्लान में शामिल किया गया है।