रायपुर। कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने शनिवार को कलेक्टोरेट परिसर स्थित रेडक्रास सभाकक्ष में राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। डॉ भुरे ने कहा कि राजस्व विभाग के सारे अधिकारी आम जनता की संवेदनशीलता से व्यवहार करें। राजस्व कार्यालयों में गांव-दूरस्त क्षेत्रों से जरूरतमंद के साथ निर्धन वर्ग के लोग आते हैं। वे नामांतरण, सीमांकन, जमीन से जुड़े मामले सहित अन्य दैनन्दिनी विषयों को लेकर आते हैं। इनके कार्यालय आने पर स्वयं पहल करें और उनके प्रकरणों की जानकारी लें। और समय सीमा के भीतर अवश्य समाधान करें। साथ ही यह ध्यान दें कि उन्हे अपने कार्याें के लिए बार-बार कार्यालय ना आना पड़े। राजस्व अधिकारी उनके प्रकरणों का फॉलोअप करते रहें और संबंधित को उनकी सटीक जानकारी दें। कलेक्टर ने कहा कि अविवादित नामांतरण जैसे प्रकरणों का प्राथमिकता से निराकरण करें। सभी तहसीलों में ऐसे प्रकरणों की संख्या कम से कम हो।
डॉ भुरे ने कहा कि सामान्यतः आमजन जमीन खरीदनें के पश्चात की प्रक्रियाओं की जानकारी से अनभिज्ञ होते है, ऐसे स्थिति में उन्हें परेशानी का सामना भी करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारियों को इसके लिए उन्हें मार्गदर्शन प्रदान करें ताकि बाद की अन्य शासकीय प्रक्रियाओं का निपटारा आसानी से हो सके। डॉ भुरे ने कहा कि सभी एडीएम उनके अंतर्गत आने वाले तहसील कार्यालयों का निरंतर निरीक्षण करें और उस दौरान स्वयं कार्यालयों में आए नागरिकों से चर्चा कर उनकी समस्या का समाधान करें। कलेक्टर डॉ भुरे ने आगामी विधानसभा चुनाव के तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने जिले के सभी विधानसभा में मतदाता सूची में नए नाम जोड़ने सहित अन्य संशोधन के (फॉर्म-6,7 और 8) के लिए आए आवेदनों की जानकारी ली और कहा कि 22 सितंबर तक निराकरण करने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि जिले में फॉर्म-6,7 और 8 से संबंधित करीब 1 लाख 37 हजार आवेदन आए हैं। जिसमें से करीब 80 हजार आवेदनों का निराकरण हो चुका है। उन्होंने कहा कि शहरी ईलाको में मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास करें। शहर की बड़ी आवासीय कालोनियों में अतिरिक्त मतदान केन्द्र बनाएं, इसे प्राथमिकता से करें। जहां पर कोई परेशानी हो वरिष्ठ राजस्व अधिकारी स्वंय जाए और उस कॉलोनी के पदाधिकारियों से चर्चा कर समाधान करें।