कवर्धा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्राथमिकता वाली कृषि पर आधारित इथेनॉल प्लांट का निर्माण अब अंतिम चरणों में है। कलेक्टर जनमेजय महोबे उद्योग का निर्माण शीघ्रता से पूरा करने के लिए लगातार बैठक लेकर इसकी समीक्षा कर निर्देश दे रहे है। इसी कड़ी में बुधवार को कलेक्टर महोबे ने इथेनॉल प्लांट में निर्माण से संबंधित तकनीकी अधिकारियों की बैठक ली और निर्माण कार्य में तेजी लाते हुए निर्धारित समय-सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने निर्माणाधीन इथेनॉल प्लांट के निर्माण कार्यों के बारे में बारीकी से जानकारी ली। उन्होंने उद्योग के प्रगति के रिपोर्ट प्रतिदिन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्लांट के लिए आवश्यक अनुज्ञा लायसेंस प्राप्त करने के लिए कार्यवाही करते हुए निराकरण के निर्देश दिए। उद्योग के संचालन के लिए आवश्यक कच्चे माल की आपूर्ति सुनिश्चित करने एवं पर्याप्त भंडारण व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर महोबे ने उद्योग के आसपास सघन रूप से पौधरोपण करने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य मार्ग से उद्योग की ओर आने वाले वाली सड़क में सुरक्षा की दृष्टि से स्टॉपर, संकेतक सहित सुरक्षा के इंतजाम करने के निर्देश दिए। कलेक्टर जनमेजय महोबे ने भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के समीप निर्माण हो रहे प्रदेश का सबसे बड़ा और पहला एथनॉल प्लांट के कार्यो का जायजा लिया। इस दौरान एन.के.जे. बॉयोफ्यूल के तकनीकी अधिकारियों ने निर्माण से संबंधित जानकारी दी। उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। राज्य शासन द्वारा कबीरधाम जिले में प्रदेश का सबसे बड़ा और पहला एथनॉल प्लांट की स्थापना की जा रही है। एथनॉल प्लांट की स्थापना के लिए भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना की खाली भूखंड 35 एकड़ भूमि को चिन्हांकित किया गया है। निरीक्षण के दौरान बोड़ला एसडीएम संदीप ठाकुर, भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के एमडी भूपेन्द्र ठाकुर, राजेश गौतम, गौतम राजू, सहित साईड इंजिनियर अन्य तकनीकी अधिकारी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कृषि पर आधारित इथेनाल प्लांट प्राथमिकता वाली योजनाओं में शामिल है। पीपीपी मॉडल से स्थापित होने वाले देश के पहले इथेनॉल प्लांट की स्थापना के संबंध में अनुबंध भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने तथा छत्तीसगढ़ डिस्टीलरी लिमिटेड की सहायक इकाई एन.के.जे. बॉयोफ्यूल लिमिटेड के मध्य किया गया। इथेनॉल संयंत्र की स्थापना से क्षेत्र में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे तथा क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि का आधार मजबूत होगा। किसानों को गन्ना मूल्य का समय पर भुगतान सुनिश्चित होगा। मुख्यमंत्री बघेल के नेतृत्व में सरकार के गठन के साथ ही किसानों से संबंधित मुद्दे सर्वोपरि रहे हैं, सर्वप्रथम कृषि ऋणों की माफी की गई तथा गन्ना किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए शक्कर कारखानों की आर्थिक कठिनाई के स्थाई निदान के लिए पीपीपी मॉडल से इथेनॉल प्लांट की स्थापना की जा रही है। पी.पी.पी. मॉडल से ईथेनॉल प्लांट की स्थापना का पूरे देश में यह पहला उदाहरण है। भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना के एमडी ठाकुर ने बताया कि इथेनाल प्लांट हाईब्रीड टेक्नालाजी से बनेगा, जिसमें गन्ना पेराई सीजन के दौरान सीधे गन्ने के जूस से तथा आफ सीजन के दौरान मोलासीस से इथेनाल बनाया जाएगा। गन्ने के रस को इथेनाल में डायवर्ड करने के कारण अधिक जूस की जरूरत पडे़गी उसकी पूर्ति के लिए किसानों से अधिक से अधिक गन्ना क्रय किया जाएगा। कारखाने में गन्ने का रस निकालने के लिए और यूनिट लगाई जाएगी। किसानों को गन्ने के मूल्य का भुगतान समय पर सुनिश्चित हो सकेगा। कोरोना जनित विपरीत परिस्थितियों, विपरीत आर्थिक परिवेश को ध्यान में रखते हुए राज्य की अर्थव्यवस्था को विकसित करने के लिए निजी क्षेत्र की आर्थिक एवं तकनीकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पी.पी.पी. मॉडल का चयन किया गया।