jantaserishta.com की खबर पर कलेक्टर ने लिया संज्ञान, अवैध रेत परिवहन में लगे 2 वाहन सीज
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धमतरी। कलेक्टर नम्रता गांधी के निर्देश पर जिले में खनिज विभाग द्वारा गौण खनिज आधारित क्षेत्रों से रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन एवं भंडारण पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में कुरूद क्षेत्र से अवैध रेत परिवहन करते पाए जाने पर बीते रात को 2 वाहन जप्त कर कुरूद मंडी में सीज किया गया।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सम्मान राशि बहाल कर मीसा बंदियों को लौटाया सम्मान
वर्ष 1975 में लगे आपातकाल में लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष की बात जब भी आएगी, तब लोकतंत्र के प्रहरी मीसाबंदियों के संघर्षों को सदैव याद किया जायेगा और इनसें प्रेरणा ली जाएगी कि इन्होंने लोकतंत्र के लिए लड़ाई लड़ी। आपातकाल के दौरान सैकड़ों लोगों को जेल में बंद रखा गया। इन मीसाबंदियों ने जेल में जो पीड़ा, जुल्म सहे उन जख्मों पर मरहम लगाने का काम प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बीते दिन विधानसभा में यह घोषणा कर की कि अब मीसाबंदियों को प्रदान की जाने वाली सम्मान निधि पुनः प्रारंभ की जायेगी। इस घोषणा से धमतरी जिले के मीसाबंदियों में हर्ष व्याप्त है।
आपातकाल में धमतरी के मीसाबंदी के तौर पर सजा काटने वाले शिरोमणी कृष्णा राव घोरपड़े ने बताया कि वे स्वयं और उनके 11 अन्य साथियों को 1975 में मीसाबंदी बनाकर रायपुर स्थित नई जेल में रखा गया था। सरकार ने मीसाबंदियों की सम्मान राशि की बहाली के लिए जो पहल की है, वह सराहनीय है। इससे मीसाबंदियों का सम्मान लौट आया है। उन्होंने बताया कि आपातकाल के समय लोकतंत्र सेनानी जब जेल जाते थे, तो उस परिवार की स्थिति बड़ी पीड़ादायक हो जाती थी। इन परिवारों के सामने आजीविका का संकट हो जाता था। पूर्व में डॉ रमन सिंह की सरकार ने मीसाबंदियों के लिए सम्मान राशि देने की शुरुआत की थी, जिसे बंद कर दिया गया था। घोरपड़े ने बताया कि मीसाबंदियों को सम्मान राशि देने की शुरूआत वर्ष 2008 से की गयी थी। धमतरी जिले में कुल 52 मीसाबंदी थे, जिनमें से अब सिर्फ 7 मीसाबंदी ही रह गए है। उन्होंने शासन से आग्रह किया है कि 2008 के पूर्व जिले के ऐसे मीसाबंदी जिन्हें किसी कारणवंश सम्मान राशि नहीं मिल पा रहा है, उनके परिजनों को भी मीसाबंदी के तहत् सम्मान राशि प्रदान किया जाये।