कवर्धा। कलेक्टर जनमेजय महोबे ने बोडला और पंडरिया विकासखण्डवार राज्य शासन की सर्वप्राथमिकता वाली योजनाओें और प्रशासनिक अन्य गतिविधियां की प्रगति की समीक्षा की। कलेक्टर महोबे ने बैठक में फ्लैगशिप योजना सुराजी गांव के तहत संचालित गौठान, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, बेरोजगारी भत्ता योजना, मुख्यमंत्री स्कुल जतन योजना, वृक्षा रोपण योजना, राजस्व, ग्रामीण औद्योगिक पार्क की प्रगति, प्राकृतिक पेंट निर्माण, पीएम आवास, व्यक्तिगत शौचालय निर्माण, मतदान केन्द्र वार निर्वाचन गतिवविधयों की गहनता से समीक्षा कर मैदानी अमले के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कलेक्टर ने जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल के साथ संयुक्त रूप से विकासखण्डवार तकनीकी सहायकों, पटवारी, ग्राम सचिवों की साझा बैठक ली। कलेक्टर ने कड़े शब्दों में निर्देशित करते हुए कहा कि दिए गए निर्देशों की प्रगति 15 दिनों के भीतर मैदानी स्तर पर दिखनी चाहिए। अगली बार कार्यस्थल पर ही निरीक्षण के दौरान प्रगति की आपके कार्यो की समीक्षा होगी और प्रगति नहीं दिखने पर सीधे सबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। कलेक्टर महोबे ने राज्य शासन की सर्वप्राथमिकता वाली योजनाओं में शामिल राजीव गांधी किसान न्याय योजना की प्रगति की समीक्षा की।
उन्होने कृषि विभाग और राजस्व के अधिकारियों के निर्देशित करते हुए कहा कि विकासखण्ड के सभी पात्र हितग्राहियों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत दी जाने वाली प्रति एकड़ नौ हजार रूपए इंटपूट राशि मिलनी चाहिए। उन्होने दोनों विभागों की अधिकारियों की सयुक्त बैठक कर तकनीकि खामियों को दूर करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने सुराजी गांव योजना के तहत संचालित ग्राम वार संचालित गौठानों की समीक्षा की। उन्होने सभी सक्रिय गोठानों में प्रति दिन दो क्विंटल गोबर की खरीदी अनिवार्य रूप से करने के लिए ग्राम सचिवों को निर्देश दिए। उन्होने गोधन न्याय योजना की समीक्षा करते हुए ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी सक्रिय गैठानों में उच्च गुणवत्ता के मानकों को पुरा करते हुए जैविक खाद निर्माण को विशेष फोकस करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि जैविक खाद का निर्माण 35 प्रतिशत से अधिक होनी चाहिए। उन्होने सभी गौठानों में समुचित भूलभूत सुविधा, पर्याप्त पानी, तार फेनसिंग, नियमित गोठान समितियों की बैठक, वहां संचालित एक्टीयूटी, चारा की व्यवस्था एवं खाली भूखण्ड में चार का उत्पादन सहित अन्य विषयों पर निर्देश दिए। गौठानों पर छायादार पौधे लगाने के निर्देश दिए है। उन्होने गौठानों में जैविक खाद बनाने वली समूहों को स्थानीय स्तर पर कचुआ के पालन एवं उत्पादन पर भी विशेष जोर देने के निर्देश दिए। जिला पंचायत सीईओ ने बैठक में बताया कि सभी गौधनों में तार घेरा के अंदर मेंहदी के पौधे लगाने के लिए पर्याप्त मात्रा में पौधा को तैयार किया गया है।