मनेंद्रगढ़। नवीन जिला मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर आदिवासी बाहुल्य जिला है। जहां बोलचाल में छत्तीसगढ़ी भाषा नही बोली जाती है। सरगुजा संभाग के इस जिले में सरगुजिहा भाषा का भी प्रभाव नहीं है। लेकिन नवीन जिले के पहले कलेक्टर पी एस ध्रुव जो मूलतः छतीसगढ़ के ही रहने वाले है। उनके द्वारा ग्रामीणों से बातचीत में छत्तीसगढ़ी भाषा बोली जाती है।
ऐसा ही कुछ देखने मे सामने आया मनेंद्रगढ़ जनपद क्षेत्र के नवाडीह गांव में। इस गांव में पंडो कोडाकू विशेष जनजाति के लोग निवास करते है। जिनकी कई तरह की समस्या है। जब इस गांव में लगे एक शिविर में कलेक्टर पी एस ध्रुव पहुंचे तो उन्होंने ग्रामीणों से छत्तीसगढ़ी में संवाद किया और बहुत ही सहज होकर उनकी समस्याओं को सुना उसके निराकरण के निर्देश दिए। इतना ही नही ग्रामीणों के साथ गांव में जमीन पर बैठकर ग्रामीण परिवेश में भोजन भी किया।
जब कलेक्टर से छत्तीसगढ़ी भाषा में संवाद को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह छतीसगढ़ की बोली है यहां की संस्कृति है इसलिए इसका प्रयोग करना चाहिए। यहां बता दे कि छत्तीसगढ़ी छतीसगढ़ राज्य में बोली जाने वाली भाषा है जो भारत मे केवल छतीसगढ़ में बोली जाती है। छतीसगढ़ में राजभाषा दिवस भी मनाया जाता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सप्ताह में एक दिन स्कूलों में भी छत्तीसगढ़ी भाषा मे पढ़ाई के निर्देश दिए है।