गौरेला पेंड्रा मरवाही को धूम्रपान मुक्त जिला बनाने को कलेक्टर ने लोगों से की अपील
गौरेला- पेंड्रा- मरवाही. जिले को तंबाकू एवं धूम्रपान मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार प्रयास किये जा रहेहैं। इसी क्रम में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत कलेक्ट्रेट परिसर में जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक सह कार्यशाला आयोजित की गई। कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक सह कार्यशाला में जिला स्तरीय विभाग प्रमुखों, सिविल सोसाईटी, मीडिया एवं अन्य हितधारकों का उन्मुखीकरण करते हुए कोटपा अधिनियम की प्रमुख धाराओं की जानकारी दी गई। इस मौके पर कलेक्टर ने तम्बाकू के सेवन से होने वाले हानिकारक प्रभावों के बारे में जनजागरूकता लाने, कोटपा अधिनियम के प्रावधानों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के साथ की प्रतिबंधात्मक कानूनों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ चलानी कार्रवाई के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने जिले को तंबाकू एवं धुम्रपान मुक्त बनाने में सहयोग की अपील भी की।
बैठक के दौरान कलेक्टर ने सभी शैक्षणिक संस्थानों, शासकीय कार्यालयों, शासकीय भवनो सहित सभी सार्वजनिक स्थलों पर तम्बाकू एवं धूम्रपान निषेध साइन बोर्ड लगाने और तम्बाकू नियंत्रण के प्रावधानों का पालन कराने को ग्रामीण क्षेत्रों में जनपद सीईओ, शहरी क्षेत्रों में सीएमओ, शैक्षणिक संस्थानों में जिला शिक्षा अधिकारी और विभाग प्रमुखों को निर्देश भी दिए। कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभात चंद्रप्रभाकर ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा तंबाकू नियंत्रण के लिए जिले में संचालित गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। वहीं द यूनियन के प्रोजेक्ट एसोसिएट राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के विलेश रावत एवं संभागीय समन्वयक संजय नामदेव ने प्रस्तुतीकरण के जरिए राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के उद्देश्यों, सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा) 2003 के प्रावधानों के तहत रोकथाम और नियंत्रण के लिए अपनाएं जा रहे रणनीतियों से अवगत कराया। बैठक में वन मण्डलाधिकारी सत्यदेव शर्मा, परियोजना निदेशक डीआरडीए आरके खूंटे, अनुविभागीय अधिकारी राजस्वदेव सिंह उईके, , जिला शिक्षा अधिकारी एनकेचंद्रा, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास डॉललितशुक्ला, सभी जनपद सीईओ एवं सीएमओ सहित विभिन्न विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टर की अपील – कलेक्टर ने लोगो से अपील करते हुए कहा है कि "तंबाकू एवं धूम्रपान एक जहर है न खाएं न खाने दें। जिला प्रशासन द्वारा जिले को धूम्रपान मुक्त जिला घोषित किए जाने का निर्णय लिया गया है। इसके अंतर्गत कोटपा अधिनियम 2003 का सख्ती से पालन किया जाना है। जिले के समस्त सार्वजनिक स्थानो एवं समस्त शासकीय कार्यालयों में धूम्रपान करना एवं तम्बाकू पदार्थ का सेवन करना या इसे प्रोत्साहित करने वाली वस्तुओं को रखा जाना पूर्णतः प्रतिबंधित होगा। इसके उल्लंघन पर 200 रूपए का जुर्माना देय होगा। जिले के समस्त शैक्षणिक संस्थानों से 100 गज की सीमा में तम्बाकू पदार्थ बेचा जाना पूर्णतः प्रतिबंधित है।