शिव महापुराण कथा में शामिल हुए सीएम विष्णुदेव साय

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Update: 2024-05-21 13:17 GMT
कुरूद। कुरूद में आयोजित शिव महापुराण कथा में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सपरिवार हुए शामिल। कथावाचक महाराज प्रदीप मिश्रा जी का लिया आशीर्वाद, की सबके कल्याण की कामना।
माता-पिता अपने बच्चो को लायक अवश्य बनायें लेकिन बच्चे को इतने भी लायक मत बनाये कि बच्चे आगे बढकर माता पिता को नालायक समझे। माता पिता बोलना सिखाया, चलना सिखाया, पढ़ना लिखना सीखा कर दुनिया में रहना सिखाया। इसलिये इस दुनिया में माता-पिता से बढ़कर कुछ नही है। माता पिता अपने बच्चो को संस्कारवान बनाये, बच्चो में संस्कार का ज्ञान होना चाहिए। उक्त उद्गार गौरीशंकर शिव महापुराण कथा के चतुर्थ दिवस कथा व्यासपीठ से पं. प्रदीप मिश्रा ने अपने मुखारविंद से अपारजन श्रोताओं से कहीं।
वृद्धि विहार भरदा चैक राजिम रोड कुरूद के पावन भूमि पर स्व. हीरालाल शर्मा श्रीधर की पुण्य स्मृति में कमलादेवी श्रीधर एवं श्रीधर परिवार द्वारा आयोजित गौरीशंकर शिव महापुराण के चतुर्थ दिवस कथावाचक भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा ने श्री शिवाय नमस्तुभ्यम से कथा प्रारंभ करते हुये कहा कि प्रकृति को देना सीखो तो प्रकृति हमे देगा घर की माॅ संस्कारो की जननी है, प्रकृति माॅ है दुनिया में माॅ देना चाहा है। पुत्र पुत्री जिस दिन एकादशी होगा उस दिन संकल्प ले ले अपने माता पिता को अशब्द नही कहेगे, उंची स्वर में बात नही करेगें, माता पिता जानती है कि अपने बच्चे को किस तरह से पालन पोषण किया पढ़ाया लिखाया।
इस सृष्टि में चार माताएं पृथ्वी, प्रकृति, गौ माता और माता है जिसने हमेशा दिया है। गौमाता में 33 कोटी देवी देवता का वास होता है वे जन्म से लेकर मृत्यु तक देना जानती है। पं मिश्रा ने माॅ शब्द की महिमा बताते हुये कहा कि माॅ सदैव अपने ममता के आचल में पालती है कभी हमसे कुछ अपेक्षा नही करती अपितु विपरित परिस्थितियों में सदैव हमारा साथ देती है। माॅ के चरणो में स्वर्ग होता है। माॅ की महिमा के साथ ही उन्होने पृथ्वी माता और गौ माता की महिमा का वर्णन करते हुये कहा कि गाय को रोटी देना तीर्थ के सामान है तथा प्रकृति की रक्षा का संकल्प दिलाते हुये उन्होने वृक्षा रोपण की प्रेरणा दी।
कथावाचक पं. मिश्रा ने अपने प्रवचन में सीख देते हुये कहा कि हमे कुछ व्रत अवश्य करना चाहिए जिसमें प्रमुख रूप से एकादशी, प्रदोष, महाशिवरात्रि, कृष्ण जन्माष्टमी, राधा अष्टमी है। उन्होने शिव महापुराण का महत्व बताते हुये कहा कि इसमें 24 हजार श्लोक है जिस प्रकार समुद्र की गहराईयों में जाकर मोती निकालते है ठीक उसी प्रकार भोले की भक्ति, भोले व सरल सहज रूप से बिना छल कपट निर्मल भाव से करने पर हम शिव रूपी मोती को प्राप्त कर सकते है। कथा में उपस्थित महिलाओं को सीख देते हुये उन्होने कहा कि नारी के माथे पर बिंदी एवं मांग पर सिंदूर हो तो उनका सम्मान सुरक्षित रहता है उन पर कोई कुदृष्टि नही डाल सकता ठीक उसी प्रकार राष्ट्रवाद की सीख देते हुये कहा कि राष्ट्रभाषा हिन्दी से हमारे देश का सम्मान बढता है।
शिव महापुराण कथा के चतुर्थ दिवस प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की धर्मपत्नि श्रीमति कौशल्या देवी साय ने पहुंचकर कथा का रसपान किया। कथा का रसपान करने लाखो की संख्या में श्रद्धालुजन पहुंचकर रसपान किया। कथा का रसपान करने उमड़ी जन सैलाब। कुरूद नगर सहित अंचल शिवमय हो गया। कथा श्रवण करने विधायक अजय चंद्राकर, धर्मपत्नि श्रमति प्रतिभा चंद्राकर, कमला देवी शर्मा, प्रकाश शर्मा, उर्मिला, रतन, उमा, वृद्धि, प्रयास, अश्वनी शर्मा भाठापारा, सत्यप्रकाश नेवरा, मुरलीधर केला, मालक राम साहू, तिलोकचंद जैन, कृपाराम यादव, ओमप्रकाश महावर, भानू चंद्राकर, श्रीमति ज्योति चंद्राकर, निरंजन सिन्हा, सुरेश महावर आदि उपस्थित थे।
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