CM साय-यादव ने किया राज्योत्सव समारोह का शुभारंभ, देखें LIVE VIDEO...

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Update: 2024-11-04 14:59 GMT
Raipur. रायपुर। राजधानी के नवा रायपुर में राज्योत्सव की 24 वर्षगांठ में आयोजित कार्यक्रम में दीप प्रज्वलन और मुख्य अतिथि द्वारा देव नगाड़ा बजाकर किया गया।
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विधायक राजेश मूणत, पुरंदर मिश्रा, गुरु खुशवंत साहेब, रोहित साहू, अनुज शर्मा, इन्द्र कुमार साहू, संपत अग्रवाल, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा, सचिव संस्कृति अंबलगन पी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास सहित अनेक जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित हैं। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस राज्योत्सव 2024 का भव्य शुभारंभ आज छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुति से हुआ। नवा रायपुर के राज्योत्सव ग्राउण्ड के मुख्य मंच से छत्तीसगढ़ी कलाकारों के दल ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दी और दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। तीन दिवसीय राज्योत्सव के आयोजन को लेकर मेला स्थल को शानदार ढंग से सजाया गया है। हजारों की संख्या में लोग यहां आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद और प्रदर्शनी देखने के लिए पहुंचे। राज्योत्सव 2024 का शुभारंभ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में हुआ। इस अवसर पर उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने की।

कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री द्वय अरूण साव एवं विजय शर्मा सहित अन्य मंत्रिगण, सांसद, विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधि सहित हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे। छत्तीसगढ़ राज्योत्सव के शुभारंभ के पूर्व से ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियों का दौर शुरू हो गया। सुप्रसिद्ध छत्तीसगढ़ी लोक कलाकार स्व.लक्ष्मण मस्तुरिहा के गीतों की प्रस्तुति ने खूब समां बांधा। रिखी क्षत्रीय की टीम ने छत्तीसगढ़ राज्य में अलग-अलग महीनों में आयोजित होने वाले तीज-त्यौहार एवं लोकपर्व आधारित कार्यक्रमों की संवाद, गीत एवं नृत्य के माध्यम से शानदार प्रस्तुति दी। उनकी टीम ने तीजा-पोरा, जंवारा, हरेली, गौरी-गौरा पूजा के साथ ही सुवा नृत्य एवं करमा नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। रिखी क्षत्रीय की टीम की सभी प्रस्तुतियों का दर्शकों ने ताली बजाकर सराहा। इससे पूर्व रजनी रजक की लोकगाथा पर आधारित ढोला-मारू की प्रस्तुति रेवा-पेरवा जादूगरनी की कहानी को गायन विधा में तथा महेन्द्र चौहान एवं साथी द्वारा प्रस्तुत आदिवृंदम एवं चन्द्रभूषण वर्मा की प्रस्तुति को दर्शकों ने खूब सराहा।
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