सीएम भूपेश बघेल ने लगाया गंभीर आरोप, क्या भाजपा के इशारे पर रूका है विधेयक?

Update: 2022-12-08 07:58 GMT

रायपुर। बहुप्रतीक्षित आरक्षण रोस्टर के नये विधेयक पर राज्यपाल अनुसुईया उइके ने गुरुवार को अब तक मंजूरी नहीं दी हैं। इस पर आज भी दिनभर राजभवन में मंथन चल रहा है। इस बीच सीएम भूपेश बघेल ने आज कहा है कि एक दिन में मंजूरी देने का भरोसा दिया गया था लेकिन अब तक हस्ताक्षर नहीं किए गए हैं संकेत समझें। सीएम ने सवाल उठाया कि क्या भाजपा के इशारे पर रूका है विधेयक। राज्यपाल ने अब तक हस्ताक्षर नहीं किए हैं। इससे पहले बुधवार को संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि राज्यपाल की भूमिका को हम राजनीतिक नजरिए से नहीं देखना चाहते हैं। वहीं खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के नेतृत्व में आदिवासियों के प्रतिनिधि मंडल ने उइके से मुलाकात कर विधेयक पर हस्ताक्षर करने का आग्रह किया। मुलाकात के बाद भगत ने मीडिया को बताया कि राज्यपाल ने एक, दो दिन में हस्ताक्षर करने का भरोसा दिया है। वहीं भाजपा प्रवक्ता अजय चंद्राकर ने कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह निम्न स्तरीय राजनीति है। कांग्रेस के नेता भ्रम फैला रहे हैं।

राजभवन के सूत्रों ने बताया कि उइके ने आज 2011 की जनगणना और क्वांटिफायबल आयोग के हाल के सर्वे के जातिवार आबादी के आंकड़े तलब किया था। सरकार जल्द से जल्द विधेयक को मंजूरी देने का आग्रह कर रही है। विशेष सत्र निपटने के बाद सरकार के चार मंत्री रविंद्र चौबे, मोहम्मद अकबर, कवासी लखमा, और अमरजीत भगत राज्यपाल से मिलने भी गए थे।

राज्यपाल विधेयक को लेकर गंभीर भी है, लेकिन वह कानूनी सलाह ले रही है कि यदि विधेयक को कोर्ट में चुनौती दी जाती है, तो क्या स्थिति रहेगी। इन सबको देखते हुए विधेयक को मंजूरी देने में विलंब हो रहा है। संविधान की व्यवस्था है कि राज्य से पारित विधेयक कंप्लायंस के लिए राष्ट्रपति को भेजा जाता है और उनके मंजूरी के बाद लागू हो जाएगा।


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