अम्बिकापुर। एक युवती की संघर्ष की दास्तां सुनकर मुख्यमंत्री भावुक हो गए। उच्च विश्राम गृह में आयोजित विकास कार्यों के वर्चुअल भूमिपूजन एवं लोकार्पण कार्यक्रम में अम्बिकापुर के दर्रीपारा निवासी योगिता जायसवाल से भूपेश बघेल ने बात की। योगिता ने बताया कि नगर निगम अम्बिकापुर में भृत्य की नौकरी कर परिवार का भरणपोषण करने वाली मां के देहांत के बाद बड़े भाई की भी मौत हो जाने से उनकी 12 वर्षीय पुत्री की देखभाल का जिम्मेदारी भी मुझ पर आ गई। इससे मुझ पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा। पिताजी पहले से ही परिवार से अलग रहते थे। सीमा बंधन के कारण मां के स्थान पर अनुकम्पा नियुक्ति भी नहीं मिल रही थी। रोजगार का कोई जरिया नहीं होने से बड़े कठिन दौर से जिंदगी गुजर रही थी। राज्य शासन की ओर से अनुकम्पा नियुक्ति में 10 प्रतिशत की सीमा बंधन समाप्त करने से अब नगर निगम में सहायक ग्रेड 3 के पद पर नियुक्ति मिलने से राहत मिली है। इस संघर्षपूर्ण एवं मार्मिक बातों को सुनकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भावुक हो गए। उन्होंने योगिता से कहा कि आपने कठिन दौर का सामना किया है लेकिन अब नौकरी मिल जाने से बहुत हद तक राहत मिल गई होगी। अपने वर्चुअल संवाद में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार की कोशिश है कि नियमो का सरलीकरण कर लोगों को राहत और लाभ पहुंचाई जाए। इसी क्रम में हमने अनुकम्पा नियुक्ति में नियम शिथिल किया है। इसी प्रकार अब अपने जमीन पर पेड़ लगाने के बाद काटने के लिए अनुमति के लिए किसी दफ्तर का चक्कर लगाने की जरूरत नही है। इस दौरान स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय ब्रम्हपारा के विद्यार्थी प्रकृति मलतियार ने भी मुख्यमंत्री से संवाद कर स्कूल में उपलब्ध संसाधन, सुविधाएं और वातावरण के बारे में बताई। मुख्यमंत्री ने प्रकृति की फर्राटेदार अंग्रेजी वार्ता की तारीफ की और पूछा- आर यू सटिस्फाइड तो प्रकृति ने कहा- यस।