सीएम भूपेश बघेल ने की कोरबा में जल्द विद्युत भण्डार गृह प्रारंभ करने की घोषणा

Update: 2021-06-18 13:55 GMT

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि कुछ साल पहले तक किसान कर्ज मांगने के लिए साहूकारों के दरवाजे पर खड़े रहते थे, सोसायटियों में किसान डिफाल्टर हो जाता था। हर साल खाद-बीज की चिंता रहती थी, लेकिन आज उनके चौखट में बड़ी-बड़ी फायनेंस कम्पनियां खड़ी है, कोई ट्रेक्टर देने तैयार है, कोई मोटर-सायकिल बेचना चाहता है। यह बदलाव राज्य सरकार की किसान हितैषी योजनाओं और फैसलों से आया है। मुख्यमंत्री आज यहां अपने निवास कार्यालय में कोरबा और जांजगीर-चांपा जिले में लोकार्पण और भूमिपूजन के वर्चुअल कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि किसान हितैषी योजनाओं से किसान आर्थिक दृष्टि से मजबूत हो रहे हैं। कर्जमाफी, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी जैसी योजनाओं से गांवों की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है। गरीबों और किसानों की जेब में पैसा आ रहा है। बड़ी-बड़ी कम्पनियांें को मालूम है कि शहरों से ज्यादा पैसा छत्तीसगढ़ के गांवों में आ रहा है। फायनेंस कम्पनियां किसानों को ट्रेक्टर और अन्य उपकरणों के लिए तत्काल फायनेंस करने के लिए तैयार हैं। लॉकडाउन के समय जब पूरे देश में मंदी थी, तब सबसे ज्यादा ट्रेक्टर और मोटर-सायकल छत्तीसगढ़ में बिक रही थी। श्री बघेल ने वर्चुअल कार्यक्रम में कोरबा और जांजगीर-चांपा जिले में 226 करोड़ 96 लाख रूपए की लागत के 265 विभिन्न विकास कार्याें का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। उन्होंने कोरबा जिले में लगभग 104 करोड़ रूपए की लागत के 121 कार्याें का और जांजगीर-चांपा जिले में 122 करोड़ 96 लाख रूपए की लागत के 144 विभिन्न निर्माण कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया।

मुख्यमंत्री बघेल ने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के आग्रह पर वर्चुअल कार्यक्रम में ही कोरबा और जांजगीर-चांपा जिले में अनेक कार्याें की मंजूरी की घोषणा की। श्री बघेल ने कोरबा में दर्रीबराज-गोपालपुर सड़क की जल्द स्वीकृति मिल जाएगी। मुख्यमंत्री ने कोरबा में दो माह में विद्युत भण्डार गृह प्रारंभ करने की मंजूरी के साथ गोपालपुर-बरबसपुर सड़क की स्वीकृति की घोषणा की। इसी तरह उन्होंने जांजगीर-चांपा जिले के बलौदा में 132 केव्ही क्षमता के बिजली सब-स्टेशन के लिए टेंडर शीघ्र जारी कराने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने डबरा से खरसिया रोड़ की स्वीकृति, मांड नदी में बैराज और डबरा में लिफ्ट इरिगेशन का परीक्षण कराने तथा सुकदा मोहाई में हाई स्कूल की मांग को अगले बजट में शामिल करने का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज गांवों में जो बदलाव दिखाई दे रहा है, उनके पीछे छत्तीसगढ़ की नारी शक्ति है। ग्रामीण महिला बड़ी संख्या में गोबर से गौठानों में जैविक खाद का उत्पादन कर रही है, आज उन्हीं की बदौलत हमारे खेत फिर उपजाऊ हो रहे हैं और उन्हें रोजगार भी मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के फायदे को देखते हुए अब इसका दायरा और बढ़ा दिया है। अब धान और गन्ने के साथ-साथ मक्का, कोदो, कुटकी, अरहर, सोयाबीन, दलहन, तिलहन को भी योजना के दायरे में शामिल कर लिया गया है। योजना में नए प्रावधान करके किसानों के लिए आय के नए जरिया खोले गए हैं। जिन किसानों ने पिछली बार जिस खेत में धान की फसल ली थी, इस साल यदि वह खरीफ की अन्य प्रमुख फसल लेता है, या वृक्षारोपण करता है, तो उसे धान पर मिलने वाली आदान सहायता से ज्यादा आदान सहायता दी जाएगी। धान की जगह दूसरी फसल लगाने पर प्रति एकड़ 10 हजार रूपए की आदान सहायता तथा वृक्षारोपण करने पर तीन साल तक 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की आदान सहायता मिलेगी। भविष्य में अपने पेड़ काटने के लिए किसी से अनुमति लेने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की पहली और दूसरी-लहर से जो अनुभव मिला है, उसे देखते हुए विकासखंड से लेकर जिला तक हर सरकारी अस्पताल की व्यवस्था को हम चाक-चौबंद कर रहे हैं। सभी कलेक्टरों को इसके लिए 15 दिनों में कार्ययोजना बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। 

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