रायपुरः छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो गया है। इसी के साथ ही प्रदेश में आचार संहिता भी लग गई है। इधर राजनीतिक दलों के नेता अब शहरी सरकार के लिए गुणा-गणित लगा रहे हैं। महापौर के सहित पार्षद पद के दावेदारों ने तेज लॉबिंग शुरू कर दी है। कई जगहों पर नेता अपनी पत्नी के लिए टिकट मांग रहे हैं। कांग्रेस के कई सक्रिय नेता अपनी पत्नियों को टिकट दिलाने के लिए सीनियर नेताओं से लगातार संपर्क कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध भी शुरू कर दिया है।
दरअसल, राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के कई नगर निगमों में स्थानीय नेता महापौर पद व पार्षद के लिए जिन वार्डों से चुनाव लड़ना चाह रहे थे, वह अब महिलाओं के लिए आरक्षित हो गई है। ऐसे में स्थानीय नेता अपनी पत्नियों को टिकट देने की मांग कर रहे हैं। इस मसले को लेकर पूर्व पीसीसी चीफ धनेंद्र साहू ने कहा कि जो संगठन में काम करेगा, उसी महिला को टिकट मिलना चाहिए।
चुनाव की घोषणा से मतदान की तारीख के बीच महज 21 दिनों का समय है। दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल 25 से 26 जनवरी के बीच ही प्रत्याशियों की घोषणा करेगी। नामों की घोषणा के बाद नामांकन दाखिल करने और नाम वापसी इत्यादि में चार से पांच दिन निकल जाएंगे। सभी प्रत्याशी एक-दो फरवरी से ही पूरी ताकत के साथ मैदान में उतर पाएंगे। मतदान के 48 घंटे पहले प्रचार थम जाएगा। लिहाजा प्रत्याशियों को प्रचार-प्रसार के लिए केवल 10 से 11 दिन का ही समय मिलेगा। प्रचार के लिए कम समय मिलने के कारण अधिकांश दावेदार अभी से चिंता में है।