मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का मनेन्द्रगढ़ के नागरिकों ने मुकुट पहनाकर किया अभिनंदन
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि नव घोषित मनेन्द्रगढ़ जिला अब मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के नाम से जाना जाएगा। मुख्यमंत्री निवास में आयोजित कार्यक्रम में सक्ती और मनेन्द्रगढ़ जिले से आए नागरिकों ने मुख्यमंत्री बघेल को नया जिला बनाए जाने पर उनका आभार व्यक्त किया। मनेन्द्रगढ़वासियों ने मुख्यमंत्री का मुकुट पहनाकर अभिनंदन किया। नागरिकों ने इस अवसर पर उन्हें अभिनंदन पत्र भी भेंट किया। कार्यक्रम में दोनों नव घोषित जिलों से आए नागरिकों और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने नये जिले बनाए जाने पर विधानसभा अघ्यक्ष डॉ. चरण दास महंत के प्रति भी आभार व्यक्त किया। सक्ती जिले से आए जनप्रतिनिधियों, नागरिकों और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और डॉ. चरणदास महंत का पोट्रेट भेंट कर और शाल पहनाकर जिला निर्माण के लिए उनका अभिनंदन किया।
मुख्यमंत्री ने दोनों नव घोषित जिलों से आए नागरिकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि नया जिला बनने से वहां के नागरिकों का माटी के प्रति प्रेम देखने को मिल रहा है। लोगों ने जिस उत्साह से नए जिले का स्वागत कर रहे हैं, उससे इस बात का अंदाजा लगा सकते है कि वहां किस प्रकार की खुशी का वातावरण होगा। नए जिले के निर्माण के साथ-साथ इन जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार सहित सभी क्षेत्रों में विकास के काम तेजी से होंगे। मुख्यमंत्री ने मनेन्द्रगढ़वासियो की मांग और उनकी भावनाओं को देखते हुए नव घोषित मनेन्द्रगढ़ जिले का नाम मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर किए जाने की घोषणा की। उन्होंनेे कहा कि छत्तीसगढ़ भौगोलिक दृष्टि से देश का 9 वां बड़ा राज्य है, कई क्षेत्रों में विरल आबादी है। इसके कारण शासकीय योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने में कई प्रकार की दिक्कत आती है। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रशासन और आम जनता के बीच की दूरी कम करने और प्रशासनिक कसावट लाने के लिए नए जिलों का गठन किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि गांवों को स्वावलंबी बनाकर ही हम समृद्ध, सशक्त और खुशहाल छत्तीसगढ़ की कल्पना कर सकते हैं। राज्य सरकार किसानों, गरीबों और मजदूरों की बेहतरी के लिए कार्य कर रही है। उन्होने कहा कि मजदूरों के लिए शुरू की जा रही राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का क्रियान्वयन जल्द शुरू हो जाएगा। इस योजना के लिए पात्र लोगों से एक सितंबर से ऑनलाइन और ऑफ लाइन फार्म भरने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले कृषि मजदूरों और पौनी पसारी से जुड़े लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा। योजना में वर्ष में 6 हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए चलाई जा रही सुराजी गांव योजना में ग्रामीण में स्थापित गौठानों में लोगों को रोजगार देने के लिए कई प्रकार की आर्थिक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। गौठानों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क भी बनाया जा रहा है। जहां ग्रामीण क्षेत्र में प्रारंभ किए जा सकने वाले उद्योग और अन्य आर्थिक गतिविधियां से लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। इन गतिविधियों को और आगे बढ़ाने के लिए तेलघानी, रजककार, लौह एवं चर्मशिल्प बोर्ड के गठन का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार पहली सरकार है, जो गोबर खरीद रही है। गौठानों में खरीदे गए गोबर से वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने में महिलाओं को अच्छा रोजगार मिल रहा है। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में हाट-बाजार क्लिनिक और गरीब बस्तियों में रहने वाले लोग मोबाइल मेडिकल यूनिट का लाभ बड़ी संख्या में उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के गरीब से गरीब बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए 172 अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रारंभ किए गए हैं।