सुकमा जिले में बाल उन्मूलन सप्ताह 20 जून तक

Update: 2022-06-13 11:47 GMT

सुकमा। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के निर्देशानुसार आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर बाल श्रमिकों के समस्या एवं उनके उन्मूलन के लिए 20 जून तक बाल श्रम उन्मूलन सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। कलेक्टर विनीत नन्दनवार के मार्गदर्शन में 12 से 20 जून तक जिले में किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत् बाल श्रम एवं फुटपाथ पर रह रहे बालकों के रस्क्यू एवं पुनर्वास के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान बाल श्रमिक एवं ऐसे बच्चे जो बिना किसी सहारे के सड़कों पर अकेले रहते है, दिन में सड़कों पर रहते है और रात में निकट की झुग्गी-झोपड़ी बस्तियों में रहने वाले अपने परिवार के पास घर आ जाते हैं, ऐसे श्रेणी के बच्चे अपनी उत्तरजीविता, भोजन, पानी, वस्त्र, आश्रय एवं संरक्षण के लिए प्रतिदिन विभिन्न प्रकार के संघर्षों एवं चुनौतियों का सामना करते हैं। ऐसे बच्चों का पहचान कर उन्हें संरक्षण प्रदान करने, शिक्षा एवं अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने, उनके परिवारों को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाते हुए उनके प्रशिक्षण एवं रोजगार की व्यवस्था के लिए विभिन्न विभाग के समन्वय से कार्ययोजना बनाई जाएगी।

अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी परियोजना अधिकारियों को परियोजना स्तर, पर्यवेक्षक को सेक्टर स्तर पर कार्यवाही करने के लिए निर्देशित गया गया है। इसी तरह पंचातय स्तर पर ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समितियों का गठन कर पंचायत सचिवों को कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया गया है। अभियान में चिन्हांकित बालकों को बालक कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर किशोर न्याय अधिनियम 2015 एवं नियम 2018 के प्रावधान अनुसार पुनर्वास की कार्यवाही के साथ ही पोर्टल पर सभी बालकों के संबंध में जानकारी संधारित की जाएगी। जिला सुकमा में बाल श्रम एवं स्ट्रीट सिचुएशन्स में रह रहे बालकों को बेहतर भविष्य एवं उनके परिवार को शासकीय योजनाओं से जोड़कर लाभ पहुंचाने, बच्चों की देखरेख, उनके शाला प्रवेश तथा शिक्षा निरंतर जारी रखने, उन्हे आश्रय प्रदान किए जाने के उद्देश्य से, उचित सुविधा उपलब्ध कराने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग एवं श्रम विभाग की संयुक्त दल 22 जून तक सुकमा जिला मुख्यालय के विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण करेगी।

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