रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहृदय एवं संवेदनशील जननेता हैं,वे समाज के सभी वर्गों की आस्था और परंपराओं का सम्मान करते हैं,मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी परब सम्मान निधि योजना इसका शानदार उदाहरण है। छत्तीसगढ़ में इस योजना का आगाज करने के लिए मुख्यमंत्री बघेल साधुवाद के पात्र हैं।
उक्त बातें अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण छ्ग शासन सदस्य एवं महिला कांग्रेस प्रदेश महासचिव रत्नावली कौशल ने कही है,राज्य में मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी परब सम्मान निधि योजना शुरू किए जाने पर खुशी जताते हुए कौशल ने उक्त प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गांव की माटी में जन्मे और पले - बढ़े किसान पुत्र हैं। हर समुदाय की आस्था, परंपराओं, संस्कृति और पूजा पद्धति का सम्मान करने का गुण हर छत्तीसगढ़िया के रग रग में समाया रहता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ी परब सम्मान निधि योजना का सूत्रपात कर स्वयं के छत्तीसगढ़िया सपूत होने का उदाहरण प्रस्तुत किया है। हिन्द सेना महिला ब्रिगेड राष्ट्रीय अध्यक्ष रत्नावली कौशल ने कहा अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लोगों के पर्व, तीज त्योहारों, संस्कृति और परंपराओं को सम्मानजनक ढंग से मनाने हेतु मुख्यमंत्री श्री बघेल ने जो सादशयता दिखाई है, उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है। अब अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लोग अपने पर्व, तीज त्यौहार के सामूहिक कार्यक्रम धूमधाम से आयोजित कर सकें, इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश की सभी पंचायतों को दस - दस हजार रु. का विशेष अनुदान देने का प्रावधान मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी परब सम्मान निधि योजना में की है। पहले की सरकार ने इन वर्गों की आस्था की कद्र ही नहीं की थी। अब तक तीज त्योहार, पर्व, सामाजिक पूजा आदि के सामूहिक आयोजनों के लिए अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लोगों को आपस में चंदा संग्रह करना पड़ता रहा। चूंकि इन वर्गों के ज्यादातर लोग आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं, इसलिए ऐसे आयोजनों हेतु पर्याप्त धन संग्रह नहीं हो पाता था। धन की कमी के चलते पर्व और तीज त्यौहार मनाने के नाम पर सिर्फ रस्म अदायगी करके ही उन्हें संतोष करना पड़ता था। सुश्री कौशल ने कहा है कि इन वर्गों के इस दर्द को हमारे संवेदनशील मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बेहतर ढंग से समझा और यह योजना शुरू की है। राज्य की कांग्रेस सरकार की ओर से मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी परब सम्मान निधि योजना के तहत अब 10 हजार मिलने पर दशकों से उपेक्षित होते आ रहे अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के लोगों को पर्व और तीज त्यौहार मनाने में बड़ी सहूलियत होगी। रत्नावली ने इस महत्वाकांक्षी योजना पर अमल के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आभार जताया है।
अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण छत्तीसगढ़ शासन सदस्य रत्नावली कौशल ने कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार आदिम जनजाति के पूजा स्थलों, देव स्थानों के संरक्षण संवर्धन की दिशा में भी सराहनीय कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि अनुसूचित जनजाति बहुल बस्तर संभाग के आदिवासियों के बीच देवगुड़ियों का विशेष महत्व है। प्राचीन काल से बस्तर के हर गांव में देवगुड़ी स्थापित हैं, जहां आदिवासी श्रद्धा भक्ति के साथ पूजा अर्चना करते आ रहे हैं। आज की नई पीढ़ी भी इस परंपरा से विमुख नहीं हुई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार इन देवगुड़ियों के जीर्णोद्धार तथा संरक्षण संवर्धन का भी काम करा रही है। इसके अलावा पारंपरिक मेला मड़ई के आयोजन हेतु भी भूपेश सरकार फंड उपलब्ध करा रही है। ऐसे स्तुत्य कार्य कराने के लिए अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण की सदस्य होने के नाते मैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को साधुवाद देती हूं।