मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिया बड़ा बयान, देखें VIDEO...

छग

Update: 2023-03-15 11:29 GMT
रायपुर। “भ्रम” पर “भरोसे” की जीत ही जनता की जीत है. जनता का यह भरोसा “कांड” वालों पर नहीं “काम” वालों पर है.
भाजपा सीधा जवाब दे कि सर्वे का समर्थन करती है या नहीं? गोधन न्याय योजना के अंतर्गत अब प्राकृतिक पेंट और बिजली उत्पादन से भी अतिरिक्त राशि प्रदान की जा रही है.
भाजपा के पास अब कोई मुद्दा बचा नहीं है. प्रदेश के हर वर्ग को अपनी सरकार पर भरोसा है. भाजपा वाले जो “मिस कॉल- मिस कॉल” कहते हैं, उसका डाटा क्यों नहीं देते?
भूपेश बघेल ने आज यहां विधानसभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 7 करोड़ 4 लाख रूपए की राशि का ऑनलाइन भुगतान किया, जिसमें 16 फरवरी से 28 फरवरी तक गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय 2.13 लाख क्विंटल गोबर के एवज में 4 करोड़ 25 लाख रूपए, गौठान समितियों को 1.65 करोड़ रूपए और महिला समूहों को 1.14 करोड़ रूपए की लाभांश राशि शामिल है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि हर महीने की 5 से 15 तारीख किसानों के लिए खास होती है। क्योंकि इस दिन उन्हें गोधन न्याय योजना की राशि प्रदान की जाती है। यह खुशी की बात है कि बड़ी संख्या में गौठान स्वावलंबी हो रहे हैं। स्वावलंबी गौठानों को प्रोत्साहित करने के लिए गौठानों की संचालन समिति के अध्यक्ष और सदस्य को मानदेय प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने अन्य गौठानों को भी स्वावलंबी होने का आग्रह किया। श्री बघेल ने कहा कि यह खुशी की बात है कि अब गोबर से अन्य उत्पादों के बनाने के अलावा बिजली बनाने का काम शुरू हो गया है। बस्तर के डोमरपाल में गोबर से बिजली बनाने के संयंत्र को ग्रिड से सिंक्रोनाईज किया जा चुका है। इससे बनने वाली बिजली की दर 9 रूपए प्रति यूनिट तय कर दी गई है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी में स्वावलंबी गौठान न सिर्फ अपनी सहभागिता निभा रहे हैं बल्कि निरंतर बढ़त बनाए हुए हैं। बीते कई पखवाड़ों से गोबर खरीदी के एवज में भुगतान की जा रही राशि में स्वावलंबी गौठानों की हिस्सेदारी 60 से 70 प्रतिशत तक रहने लगी है। आज की स्थिति में 50 फीसदी से अधिक गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं, जो स्वयं की राशि से गोबर एवं गौमूत्र की खरीदी के साथ-साथ गौठान की अन्य गतिविधियों को स्वयं की राशि से पूरा कर रहे हैं। 16 फरवरी से 28 फरवरी तक गौठानों में कुल 2.13 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी हुई है, जिसके एवज में गोबर विक्रेताओं को अंतरित की जाने वाली 4.25 करोड़ रूपए की राशि में से 1.92 करोड़ की राशि कृषि विभाग द्वारा तथा 2.33 करोड़ रूपए का भुगतान स्वावलंबी गौठानों द्वारा किया जाएगा। स्वावलंबी गौठानों द्वारा गोबर खरीदी के एवज में अब तक 45.52 करोड़ रूपए का भुगतान स्वयं की राशि से किया गया है।
गौरतलब है कि गोधन न्याय योजना के तहत राज्य में हितग्राहियों को आज भुगतान की गई राशि को मिलाकर अब तक 419 करोड़ 25 लाख रूपए का भुगतान किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य में 20 जुलाई 2020 से गोधन न्याय योजना के तहत 2 रूपए किलो में गोबर की खरीदी की जा रही है। राज्य में 28 फरवरी 2023 तक गौठानों में 107.75 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है। गोबर विक्रेताओं से क्रय किए गए गोबर के एवज में 215 करोड़ 50 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को अब तक 185 करोड़ 77 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। इस अवसर पर कृषि मंत्री रविन्द्र चैबे ने सम्बोधन दिया। कार्यक्रम में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, मुख्यमंत्री सलाहकार राजेश तिवारी, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत, कृषि विभाग के विशेष सचिव अयाज तम्बोली, कृषि विभाग की संचालक रानू साहू, उद्यानिकी विभाग की संचालक चंदन त्रिपाठी उपस्थित थीं।
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