मुख्यमंत्री बघेल ने विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर वृक्ष संपदा योजना का किया शुभारंभ
छग
जशपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर विधानसभा परिसर में स्थित कार्यालय कक्ष में आयोजित समारोह में छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकां मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का शुभारंभ किया। इस अवसर पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी, चंद्रदेव प्रसाद साय उपस्थित थे। कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी प्रदेशवासियों को मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना के शुभारंभ की बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा की वन और जैवविविधता हमारी पहचान है। छत्तीसगढ़ के वन देश की धरोहर है। वनों से हमारा पर्यावरण व संस्कृति जुड़ी है। हमारा पर्यावरण और वन सुरक्षित रहे इस दिशा में हमारी सरकार द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैदानी क्षेत्रों के लोगों को इस योजना से ज्यादा से ज्यादा जोड़े जाने के लिए प्रयास करने की आवश्यता है। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को मैदानी स्तर पर योजना से होने वाले आर्थिक लाभ के बारे में हितग्राहियों को विस्तार से जानकारी देते हुए उन्हें योजना का लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित करने कहा। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इस योजना से लाभान्वित हो सके। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ वृक्षों के दृष्टिकोण से संपन्न राज्य है। इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा इस योजना के माध्यम से अगले 5 सालों में 1 लाख 80 हजार एकड़ में योजना का क्रियान्वयन किया जाना है।
जिसका लाभ प्रदेशवासियों को मिलेगा। गौरतलब है कि यह किसानों की निजी भूमि पर वृक्षारोपण कर ग्रामीणों की आय बढ़ाने के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में ग्रीन कवर बढ़ाने की एक महत्वकांयोजना है। इस योजना अंतर्गत समस्त वर्ग के सभी इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय, अद्र्ध शासकीय व शासन की स्वायत्त संस्थाए, निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी ट्रस्ट, गैर शासकीय संस्थाएं, पंचायत तथा भूमि अनुबंध धारक इस योजना का लाभ ले सकते है। योजना के तहत हितग्राही की निजी भूमि में 05 एकड़ तक रोपण के लिए 100 प्रतिशत तथा 05 एकड़ से अधिक क्षेत्र में रोपण के लिए 50 प्रतिशत वित्तीय अनुदान शासन की ओर से हितग्राहियों को प्रदाय किया जाएगा। शासन की ओर से चयनित वृक्ष प्रजातियों की खरीदी के लिए प्रतिवर्ष न्यूनतम क्रय मूल्य निर्धारित किया जाएगा, जिससे कृषकों को निश्चित आय प्राप्त हो सकें। वनक्षेत्र से बाहर लकड़ी के उत्पादन बढऩे से काष्ठ आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। योजना अंतर्गत क्लोनल नीलगिरी, टिशू कल्चर बांस,सागौन, मालाबार नीम, चंदन जैसे आर्थिक लाभ देने वाले पौधों का रोपण किया जाएगा। इसी कड़ी में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन जशपुर जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत लोखंडी में किया गया। कार्यक्रम में लघु वनोपज संघ के अध्यक्ष मार्शल एक्का, मंडी अध्यक्ष कपिल देव भगत, जनपद पंचायत अध्यक्ष कल्पना लकड़ा, कलेक्टर डॉ रवि मित्तल, वनमंडलाधिकारी जितेंद्र उपाध्याय, समाजसेवी हीरू राम निकुंज, अजय गुप्ता सहित अन्य जनप्रतिनिधि, वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी व बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। योजना के शुभारंभ अवसर पर विभिन्न जनप्रतिनिधि व अधिकारियों की ओर से हितग्राही सुनील सिंह के लगभग 4.5 एकड़ में (टिशू कल्चर) सागौन प्रजाति का पौधरोपण किया गया। जहां 1060 नग सागौन के पौधे लगाए जाएंगे।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों ने भी ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि पेड़ो के व्यवसायिक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए इस योजना का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने वृक्षों से होने वाले लाभ की जानकारी देते हुए सभी को इस योजना का लाभ उठाने की अपील की। वनों की कमी के वजह से पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है, जिस कारण कई समस्याएं सामने आ रहे हैं। उन्होंने पौधे लगाकर वृक्षों का संरक्षण करने की बात कही। इस अवसर पर कलेक्टर डॉ. मित्तल ने बताया कि मुख्यमंत्री बघेल की ओर से विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का शुभारंभ किया गया है। उन्होंने सभी को इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जिला वनसंपदा के क्षेत्र में धनी है। यहां पेड़ पौधे प्रचुर मात्रा में है। डॉ मित्तल ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों या पड़ती जमीन में कृषि के साथ साथ इस योजना को संचालित किया जा सकता है। जिससे किसानों को अधिक लाभ होगा। उन्होंने जिलेवासियों से इस योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ लेने का आग्रह किया। डीएफओ उपाध्याय ने योजना के तहत उपलब्ध कराये जाने वाले विभिन्न पौधों की जानकारी देते हुए इस योजना के लाभ के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सभी योजना का लाभ अवश्य उठाएं। 5 एकड़ तक शत प्रतिशत अनुदान है। बॉस और नीलगिरी के पौधे से चार साल बाद लाभ मिलना प्रारंभ हो जाता है। योजना के तहत जिले में कुल 591 हितग्राहियों के 1067 एकड़ भूमि का चयन किया गया है। जहां वर्षा ऋतु के पूर्व विभिन्न प्रजातियों के 2.5 लाख पौधों का रोपण किया जाएगा। योजना के हितग्राही सुनील सिंह ने बताया कि वन विभाग द्वारा उन्हें योजना से प्रतिवर्ष होने वाले आर्थिक लाभ के संबंध में जानकारी दी गई। जिससे प्रेरित होकर उन्होंने अपने 4.5 एकड़ भूमि पर योजना के तहत पेड़ लगाने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि इस योजना से वास्तव में भूमि का उपयोग और आर्थिक लाभ होगा। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री बघेल को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में शहीद महेंद्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक बीमा सुरक्षा योजना अंतर्गत जिले के 1 हितग्राही मंजीता को 2 लाख का चेक भी उपस्थित जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों द्वारा प्रदान किया गया।