छुईखदान। लगभग तीन बरस पहले सन् 2020 में तत्कालीन दिवंगत विधायक राजा देवव्रत सिंह के अथक प्रयासों और प्रदेश के मुख्यमंत्री आदरणीय भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी और विशेष अभिरूचि से दुर्ग जिला और राजनांदगांव जिले को जोड़नें वाले ग्राम दनिया से छुईखदान तक सर्वसुविधापूर्ण लगभग सत्ताइस कि.मी. सड़क की स्वीकृति की सौगात क्षेत्र वासियो को मिली थी। कहना न होगा कि समस्त शासकीय प्रक्रियाओं को पूरा करनें के बाद जैसे तैसे ठेकेदार के बहुत ज्यादा हील हवाला और खुरापात के बाद उक्त मार्ग का श्रीगणेश हुआ और राह में पड़नें वाले ग्रामों में ग्रामीणों की जमीनें अधिग्रहित हुई,इन सबको लोगों नें सिर्फ इसलिए सहन कर लिया कि आज नही तो कल क्षेत्र में विकास का नया सवेरा उदित होगा और एक अच्छी सड़क की सुविधा उन्हें मिल सकेगी। इस क्रम में इस ऐतिहासिक रियासतकालीन, मंदिरों से भरे धर्मपरायणों की नगरी में भी रोड के चौडी़करण को लेकर शासकीय नियमों के तहत अपने पुरखों के बनाए आशियानों को लोगों नें चौड़ी सड़क और विकास की सौगात के आगे चंद मुआवजों के आगे रो-रो कर धाराशायी कर दिया कि चलो इस शहर के विकास के लिए ये भी सही है।
परन्तु दनिया-छुईखदान मार्ग जो इस शहर को स्पर्श करती है और अंतिम छोर तक पहुंचती है अर्थात कंडरा पारा जमात पारा राज महल चौक से लेकर बिजली आफिस तक रोड निर्माता फर्म की ओर से दोनों छोर पर बड़े बड़े आधे अधूरे गहरे नालियों का निर्माण तो करा दिया परन्तु उन नालियों के निर्माण के साथ ही खुदाई कर दिए गए रोड़ की सुधि लेना ही शायद भूल गई है जिसके चलते आज लगभग छह माह से नगर के लोगों का जीना मुहाल हो गया है,रोड़ के दोनों छोर पर देखनें से लगता है कि रोड अब चौड़ा होगा और चमचमाता हुआ होगा परन्तु इस शहर के पूरब और पश्चिम दोनो छोर तक विचरण करनें पर नगर की बर्बादी और नए रूपान्तरण के लिए अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे सड़क के आंसू सड़क पर ही साफ नजर आते हैं। ज्ञात हो पीडब्ल्यूडी कि इस गड्ढे पर सड़क का आलम यह है कि कोई गिर रहा है तो कोई इन गड्ढों में भरे पानी के छलकनें से स्कूली बच्चों से लेकर शिक्षको आम नागरिको के कपड़े खराब हो रहे है । शायद संबंधित विभाग और नए जिले मेँ बैठी प्रशासन को इन गडढों के चलते किसी की शहादत(दुर्घटना ) की प्रतीक्षा है शायद इन सबके बाद ही प्रशासन की आंख खुल सकेगी। यहां यह बात बता देना आवश्यक हो जाता है कि इस नगर व क्षेत्र के किसी भी मतदाता नागरिक को किसी भी दल से कोई शिकायत नही है उनका कहना है कि स्व, राजा देवव्रत सिंह और प्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने तो अपनी ओर से इस क्षेत्र के विकास को ध्यान में रखकर भरपूर सहयोग किया है परन्तु इस समाज के नस नस में किसी नशे की तरह समाए हुए प्रशासन तंत्र में बैठे कुछ लोग और ठेकेदारी प्रथा के ठेकेदारो के सुस्त मिजाजी और जनता की आवाज के प्रति संवेदनहीन लोगों के चलते आम नागरिकों को यह सब दिन देखना पड़ रहा है।
अब जब मामला सहन से बाहर हो रही है और आसन्न चुनाव को लेकर लोगों नें मामले को लेकर तीखी प्रतिक्रिया आरंभ कर दी है एैसा सुनने मे आ रहा है कि इस नगर सहिंत सहित इस रोड मेँ पड़ने वाली अनेंको ग्रामों के लोगों नें इस रोड के निर्माण की सुस्त चाल को लेकर कहा है कि अब की बार रोड नही तो वोट भी नही का निर्णय ले सकते हैं फिलहाल इस नगर व क्षेत्र में आनें वाले समस्त नेताओ के सामनें मामले की शिकायत का पुलिंदा तैयार कर लिए जानें की खबर है और उक्त पुलिंदे मे प्रशाशन और अधिकारियों को देर करने की सजा दिए जाने की मांग उठ सकती है ताकि यह शहर जो एक जिला नाम का प्रतिनिधित्व करता है अपने विकास के साथ नए स्वरूप में नई पीढ़ी के सामने आ सके।, नगर पंचायत की चूप्पी समझ से परे,, वैसे तो शहरी छेत्र से जुडी समस्याएं नगर पंचायत क़ो दूर करना होता है लेकिन यह कार्य ए डी बी अंतर्गत कराये जा रहें है जिसके कारण पूरा छेत्र मेँ भयावह की स्थिति बनी हुईं है शायद यही कारण हो की नगर पंचायत और उनकी जन प्रतिनिधि चूप्पी साध लिए लेकिन नगर के जनता के आक्रोश क़ो कैसे शांत कराया जा सके उसके लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा, इन सबके बीच मेँ यह भी पता चला है की नगर पंचायत मंदिर और नल पाइप लाइन लिए मिले मुआवजे से कार्य शुरू कर दिए। 15 अगस्त और त्यौहार का सीजन मेँ भी इस तरफ किसी ने मुड़कर भी नहीं देखा, जिसे लेकर छेत्र वासी अगले चुनाव मेँ मतदान करने से अपनी दुरी बना सकते है l इस संबंध मेँ ऐसा भी पता चला है की विद्युत विभाग भी पोल सिफ्टिंग क़ो लेकर कोई सहयोग नहीं कर रहा , जिसके कारण भी निर्माण मेँ देरी की संभावना व्यक्त की जा रही है।