Chhattisgarh: कोरोना महामारी के कारण युवा लौट रहे गांव, शहर के निजी संस्थानों के प्रति रुझान घटा

कोरोना महामारी व लाकडाउन ने शहर से लेकर गांव तक के लोगों की कमर तोड़कर रख दी है।

Update: 2021-08-05 17:58 GMT

बिलासपुर, कोरोना महामारी व लाकडाउन ने शहर से लेकर गांव तक के लोगों की कमर तोड़कर रख दी है। अब पैसे नहीं हैं तो बच्चों की उच्च शिक्षा पर भी तलवार लटक गई है। इसका फायदा कस्बों व गांवों में स्थित कालेजों को मिलने लगा है। शिक्षण सत्र 2020-21 में दाखिले के लिए युवा शहर आकर पढ़ने के बजाय अपने घर के पास ग्रामीण अंचल के कालेजों को प्राथमिकता दे रहे हैं। छत्तीसगढ़ के अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए जारी पंजीयन की प्रक्रिया में ही यह स्पष्ट होने लगा है। शहरी के साथ ग्रामीण अंचल के महाविद्यालयों के लिए रिकार्ड पंजीयन हो रहा है। जबकि दो साल पूर्व छात्र-छात्राएं पहले शहर के प्रमुख संस्थानों को प्राथमिकता देते थे। लेकिन, अब अपने गांव के आसपास संस्थानों को महत्व दे रहे हैं। शिक्षकों की मानें तो महामारी के बीच छात्र-छात्राएं बाहर जाने से बच रहे हैं। गुणवत्तायुक्त शिक्षा भी एक प्रमुख कारण है। पिछले साल भी लगभग इसी तरह की स्थिति थी। इसके कारण निजी कालेजों को तगड़ा झटका लगा था। 15 हजार से अधिक सीटें खाली रह गई थीं।

निजी कालेजों को झटका
संकट की इस घड़ी में निजी कालेजों को जबरदस्त झटका लग रहा है। बिलासपुर, गौरेला पेंड्रा मरवाही, कोरबा और मुंगेली जिले के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण अंचल के सभी कालेजों में सीट से दोगुना आवेदन जमा हो चुके हैं। जबकि कई निजी संस्थाओं में अभी बोहनी तक नहीं हुई है। सिद्धार्थ कालेज हरदीकला में विज्ञान संकाय की 60 सीटें हैं जिसके लिए एक भी आवेदन जमा नहीं हुआ है। वहीं एलसीआइटी, नलिनी प्रथा देव प्रसाद राय कालेज सरकंडा, जगरानी देवी कालेज और पीएनएस की ओर रुझान कम है।
90 कालेजों में 37,791 सीट
अटल विवि से संबद्ध कुल 90 महाविद्यालय हैं, जिनमें स्नातक और स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष की 37,791 सीटें हैं। उनमें 52 विषयों की पढ़ाई संचालित होती है। एक आंकड़े के मुताबिक, केवल स्नातक में लगभग 25 हजार सीटें हैं। पंजीयन शुरू होने के महज 72 घंटों के भीतर रिकार्ड संख्या में आवेदन जमा हो चुके हैं।
ग्रामीण अंचल के सरकारी कालेज
कालेज कुल सीट पंजीयन पातालेश्वर कालेज, मस्तूरी 295 630 निरंजन केशरवानी कालेज, कोटा 410 897 अग्रसेन कालेज, बिल्हा 400 957 महामाया कालेज, रतनपुर 580 774 जेएमपी कालेज, तखतपुर 420 1,585 (नोट: सीट संख्या केवल बीए, बीकाम व बीएससी के हैं।) -------- वर्जन .. नए सत्र में प्रवेश के लिए पंजीयन जारी है। शुरआती रझानों से स्पष्ट हो रहा है कि युवा ग्रामीण अंचल के कालेज को प्राथमिता दे रहे हैं। पिछले कुछ वर्षो की तुलना में यह संख्या अधिक है। अंतिम तिथि व प्रवेश की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद प्राप्त आंकड़ो के आधार पर निष्कर्ष भी निकालेंगे। आखिर किस वजहों से युवा गांव की ओर लौट रहे हैं। प्रो.सुधीर शर्मा, कुलसचिव अटल बिहारी वाजपेयी विवि बिलासपुर
Tags:    

Similar News

-->