छत्तीसगढ़: नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश, पुलिस की वर्दी का करते थे उपयोग

Update: 2021-07-26 15:20 GMT

बिलासपुर. पुलिस ने हाईकोर्ट में नौकरी लगाने के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. यह गिरोह प्रदेश के 20 से अधिक लोगों को लगाया चूना लगा चूका है. पुलिस की त्वरित कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के भीतर 500 किमी की दूरी तय कर घेराबंदी की. इसके बाद पुलिस टीम को सफलता मिली. छत्तीसगढ हाईकोर्ट बिलासपुर में सहायक ग्रेड 2 और 3 आफिस बाबू पद पर भर्ती कराने के नाम पर धोखाधडी करने वाले शातिर ठग पुलिस ने गिरफ्प्रतार कर लिया है. यह गिरोह 70 से 75 लाख से अधिक की रकम की गई ठगी कर चूका है.

आरोपी सोशल मिडिया में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियो से संबंध दिखाकर लोगों को प्रभावित करता था. लोगों को प्रभावित करने के लिए आरोपी यशवंत सोनवानी पुलिस की वर्दी की फोटो और परिचय पत्र का उपयोग करता था. अत्याधुनिक तरीके से उच्च न्यायलय के दस्तावेजों को स्कैन कर कूटरचित कर नियुक्ति आदेश पत्र तैयार करता था. आरोपी से नगदी रकम सहित कुटरचित उच्च न्यायालय के फर्जी नियुक्ति आदेश पत्र, फर्जी पुलिस अधिकारी परिचय पत्र और सील मुहर बरामद किया गया है.

गिरफ्तार आरोपियों में यशवंत सोनवानी पिता संतोष सेानवानी (23) निवासी ग्राम पोंछ, थाना बलौदा, जांजगीर-चाम्पा और आशुतोष मिरी उर्फ सोनू पिता संतोष मिरी (22) निवासी गणेश नगर, चुचुहियापारा थाना सिरगिट्टी, जिला बिलासपुर को गिरफ्तार किया गया है. इनके खिलाफ राजा खाण्डे और अन्य 12 लोगों ने थाना सकरी में रिपोर्ट दर्ज कराया था. वहीं यशवंत सोनवानी नामक व्यक्ति जो कि अपने आप को स्पेशल ब्राच का इन्सपेक्टर बताते हुए और उच्च न्यायालय में अच्छी जान पहचान होना बताकर छत्तीसगढ हाईकोर्ट बिलासपुर में सहायक ग्रेड 2 व 3 आफिस बाबू पद के लिए भर्ती निकली है कहकर सभी प्रार्थीगण से उनसे अंकसुची, फोटो, आधार कार्ड लेकर लगभग 60 से 65 लाख रूपये की धोखाधडी कर पैसे ले लिया. आरोपी उन्हे फर्जी उच्च न्यायालय के तरफ से जारी नियुक्ति आदेश पत्र दे दिया.

मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक झा ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर उमेश कश्यप और नगर पुलिस अधीक्षक सिविल लाईन स्नेहिल साहू को निर्देशित किया. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मिले आदेश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर उमेश कश्यप ने एक विशेष टीम का गठन कर आरोपीयों की पतासाजी की. जिसमें सायबर सेल से निरीक्षक कलीम खान, प्रदीप आर्या, उप निरीक्षक प्रभाकर तिवारी, मनोज नायक, आरक्षक मुकेश वर्मा, तदबीर पोर्ते, संतीश भारद्वाज, सोनू पाल, विकास राम और थाना सकरी से वर्तमान प्रभारी उप निरीक्षक के.बी. परिहार, स.उ.नि. जितेश सिंह, स.उ.नि. के.एस. राजपूत आरक्षक अभीजित डाहिरे की संयुक्त टीम गठन कर अलग अलग क्षेत्रो में आरोपी की पतासाजी के लिए रवाना किया. इस बीच आरोपी यशवंत सोनवानी के संबंध में सायबर सेल की एक टीम को तकनीकी जानकारी प्राप्त हुई कि आरोपी राजनांदगांव में ट्रांसपोर्ट नगर ममता नगर में होना पाया जा रहा है.

सूचना की तस्दीकी के लिए एक टीम राजनांदगांव रवाना किया गया टीम के द्वारा अलग अलग स्थानो में अपने आप को बचाने के लिए छिप रहे मुख्य आरोपी यशवंत सोनवानी को घेराबंदी कर पकडा गया. आरोपी यशवंत सोनवानी को लेकर बिलासपुर लाया गया. आरोपी यशवंत सोनवानी से पूछताछ के साथ ही अन्य आरोपी आशुतोष मिरी को उसके निवास स्थान चुचुहियापारा से लाकर गिरफ्तार किया.

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