छत्तीसगढ़: कोरोना पॉजिटिव मां के गर्भस्थ में पल रहा शिशु स्वस्थ
कोरोना संक्रमित माताओं के नवजात बच्चों पर संक्रमण का असर नहीं होता है।
रायपुर। कोरोना संक्रमित माताओं के नवजात बच्चों पर संक्रमण का असर नहीं होता है। पं. जवाहर लाल नेहरू मेमोरियल मेडिकल कालेज में चिकित्सा विज्ञानियों ने 200 कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं और गर्भस्थ शिशुओं पर शोध किया है। इसमें संक्रमित गर्भवतियों से 100 नवजात 24 घंटे के भीतर अस्पताल में जन्में थे। गर्भावस्था के दौरान चिन्हि्त महिलाओं की मानिटरिंग, जन्म के बाद शिशुओं का परीक्षण किया गया और लगातार नजर रखी गई।
शोध में यह सामने आया कि गर्भ में बच्चे के आसपास और प्रसव के बाद दूध के तरल नमूनों में सक्रिय वायरस नहीं थे। बच्चों में संक्रमण का कोई भी दुष्प्रभाव नहीं देखा गया। वरिष्ठ चिकित्सा विज्ञानी डा. नेहा सिंह ने बताया कि स्वस्थ महिलाओं की तुलना में कोरोना वायरस से ग्रसित महिलाओं को गंभीर बीमारी होने की संभावनाएं अधिक थी।
अध्ययन में देखा गया कि अस्पताल में भर्ती गर्भवतियों में सामान्य लक्षणों जैसे बुखार, खांसी, हाथ-पैर में दर्द, गले में खरास व दस्त आदि के अतिरिक्त कोई गंभीर समस्याएं नहीं आईं। वहीं जन्म के दौरान बच्चे पूरी तरह सुरक्षित रहे।
550 से अधिक गर्भवतियों का सुरक्षित प्रसव
प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की एचओडी डा. ज्योति जायसवाल ने बताया कि कोरोनाकाल में अब तक 550 से अधिक संक्रमित गर्भवतियों का प्रसव कराया गया। इसमें नौ महिलाओं की प्रसव बाद मौत हुई। छह को अन्य बीमारियां थीं, जब तीन को कोविड के बाद फेफड़ों से संबंधित समस्या अधिक आ गई थी। आंबेडकर अस्पताल में कराए गए सुरक्षित प्रसव के आंकड़ें मध्यभारत में सर्वाधिक हैं।