बिलासपुर: CIMS में गुरुवार को गर्भवती महिला व उसकी ननद ने एक महिला डॉक्टर से हाथापाई कर दी। आरोप है कि महिला डॉक्टर ने 8 माह से लगातार उपचार कराने के बाद भी गर्भवती महिला को काई लाभ नहीं हुआ और गलत दवाइयां देने की वजह से पेट में पानी की कमी हो गई। इस विवाद के बाद दोनों पक्ष कोतवाली थाना पहुंच गए।
जानकारी के अनुसार तिफरा निवासी 20 वर्षीय प्रीति टंडन 8 माह से गर्भवती है। गुरुवार की सुबह प्रीति अपनी ननद अंजू टंडन के साथ जांच कराने CIMS पहुंची थी। यहां स्त्री रोग विभाग में डॉक्टर निशा पैकरा बैठी थी। अंजू ने अपनी भाभी की तबीयत लगातार खराब रहने की जानकारी दी। उनका CIMS में ही उपचार चल रहा है। इस पर डॉ. निशा ने उन्हें सोनोग्राफी कराने की सलाह दी और रिपोर्ट देखकर जांच करने की बात कही। उन्होंने बताया कि CIMS में सोनोग्राफी मशीन खराब है। लिहाजा, यहां सोनोग्राफी नहीं हो पाएगा। इस पर अंजू अपनी भाभी प्रीति को लेकर अस्पताल के बाहर निजी सेंटर में सोनोग्राफी जांच के लिए चली गई। जांच के बाद उन्हें बताया गया कि गर्भ में पानी कम है। उन्हें यह भी बताया गया कि लगातार दवाइयां लेने का असर बच्चे के स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। अंजू सोनोग्राफी रिपोर्ट के साथ अपनी भाभी को लेकर दोबारा CIMS पहुंची। इस दौरान डॉक्टर दूसरे काम में व्यस्त थीं और उनकी बातों को सुनने के लिए तैयार नहीं थी। इसी बात को लेकर उनके बीच बहस शुरू हो गई और विवाद हो गया।
दोनों पक्षों ने थाने में की शिकायत
कोतवाली TI शीतल सिदार ने बताया महिला डॉक्टर के साथ ही गर्भवती महिला ने भी विवाद व हाथापाई करने की शिकायत की है। उन्होंने बताया कि डॉक्टर ने दुर्व्यवहार करने की बात कही है। जबिक, गर्भवती महिला ने उपचार नहीं करने व गलत इलाज करने का आरोप लगाया है। दोनों की शिकायत पर पुलिस मामले की जांच कर रही है।
डॉक्टर पर गलत उपचार का आरोप
प्रीति टंडन ने आरोप लगाया कि जब से गर्भवती हुई है, तब से वह सिम्स में लगातार उपचार करा रही हैं। उनका आरोप है कि एक भी सही ढंग से नहीं किया गया है। यहां तक कि कई बार सोनोग्राफी लिखा गया है। लेकिन एक बार भी सोनोग्राफी अस्पताल में नहीं की गई। प्रीति ने डॉक्टर पर मनमानी करने व गलत उपचार करने का आरोप लगाया है।