छत्तीसगढ़: घरेलु कचरों को नालियों में डालने पर लगेगा 500 रूपए जुर्माना, कलेक्टर ने जारी किया आदेश

लापरवाही ना बरते

Update: 2021-05-27 08:53 GMT

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छत्तीसगढ़। कोण्डागांव कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा द्वारा एनजीटी के दिशा निर्देशानुसार जिले में कार्यवाही हेतु नगरीय निकायों की बैठक बुलाकर इसमें वर्षा ऋतु के पूर्व नगरों में वृक्षारोपण, स्वच्छता एवं नालियों की सफाई पर चर्चा की गई। इस बैठक में कलेक्टर ने वर्षा ऋतु के दौरान नालियों को चोक होने से बचाने के लिए नगरों के सभी नालियों की सफाई करने के लिए निर्देशित किया। इसके साथ ही डोर-टू-डोर कचरा इकट्ठा करने के दौरान गीला एवं सूखा कचरा अलग-अलग करवाने के लिए सख्त रूप अपनाते हुए ऐसे नागरिक जो गीला-सूखा कचरा अलग न रखकर मिलाकर संग्रह हेतु दिया करते हैं उन्हें समझाईश देकर गीला-सूखा कचरा अलग करने को प्रेरित करने को कहा। इसके बाद भी यदि किसी के द्वारा इन नियमों का पालन नहीं किया जाता है तो उस घर से कचरा संग्रहण नहीं किया जावेगा साथ ही उस घर के सदस्यों द्वारा यदि खुले में कचरा फेका जाता है तो उनपर कड़ी कार्यवाही करते हुए 500 रूपयों का जुर्माना लिया जावेगा। दुकानों के आगे अथवा नालियों में कचरा एकत्रित करने या डालने पर दुकान को सील करते हुए उसपर जुर्माना भी लगाया जाएगा।

नगरों में काॅलोनियों में खुले में कचरा जिन स्थानों पर डम्प किया जाता है उन्हें साफ कर उन स्थानों पर वृक्षारोपण कर छोटे गार्डनों का विकास किया जाएगा साथ ही काॅलोनियों में भी साप्ताहिक रूप से नगरीय निकायों द्वारा स्वीपिंग कार्य करवाये जाने के निर्देश कलेक्टर ने दिए। बाजारों में दुकानदारों द्वारा यदि दुकान बंद कर कचरा एकत्रित कर उसे डस्टबीन में नहीं डाला जायेगा तो ऐसे दुकानदार पर भी जुर्माना लगाया जावेगा।

शहर को सुंदर बनाने के लिए शहर के सबसे मलीन बस्तियों एवं इलाकों की पहचान कर उन्हें स्वच्छ करने के साथ सघन वृक्षारोपण अभियान चलाया जाएगा साथ ही नगरों में राष्ट्रीय राज्यमार्ग के किनारे खड़े खटारा वाहनों को सात दिनों के भीतर हटाया जाना है। इसके लिए ऐसे वाहन स्वामियों को सात दिनों का वक्त दिया जाएगा। इसके पश्चात् भी वाहन नहीं हटाने पर वाहनों की निलामी कर दी जायेगी।

जिले में प्लास्टिक की थैलियों पर प्रतिबंध को लागू करते हुए सभी दुकानों की जांच की जायेगी। इस जांच में अमानक थैलियों के इस्तेमाल पर जुर्माना लगाया जाएगा साथ ही जिले के प्लास्टिक अपशिष्टों में पुनः चक्रण के योग्य प्लास्टिक के लिए सीपेट रायपुर से सहायता लेते हुए इनसे नये उत्पाद निर्माण हेतु उद्योग स्थापित करने के लिए प्रक्रिया चालू कर दी गई है।

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