छत्तीसगढ़: प्रॉपर्टी खरीदते वक्‍त इन बातों का रखें ध्‍यान...जिला-प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी

Update: 2020-10-30 05:12 GMT

छत्तीसगढ़। प्रॉपर्टी की खरीद में दस्‍तावेज काफी अहम होते हैं। आए दिन इस तरह के मामले सामने आते हैं जिनमें प्रॉपर्टी की खरीद फरोख्‍त में धोखाधड़ी हो जाती है। आमतौर पर लोग पूरी जिंदगी की गाढ़ी कमाई घर, प्‍लॉट या दुकान खरीदने में लगा देते हैं। ऐसे में अगर उनके साथ धोखा हो जाए फिर वह कहीं के नहीं रह जाते। इन सब बातों को ध्‍यान में रखते हुए नगर तथा ग्राम निवेश क्षेत्रीय कार्यालय महासमुंद के प्रभारी सहायक संचालक ने एक एडवाइजरी की है। ऐसा नहीं है कि यह हिदायतें केवल महासमुंद में रहने वाले लोगों के ही काम की हैं। यह सबके काम की हैं।

नगर तथा ग्राम निवेश क्षेत्रीय कार्यालय महासमुंद के प्रभारी . सहायक संचालक ने बताया कि भवन अथवा भूखंड खरीदने के पूर्व बिल्डर, काॅलानाईजर, भूखंड, भवन विक्रेता, सहकारी समिति अथवा अर्द्धशासकीय संस्थाओं में निम्न दस्तावेजों की मांग कर आवश्यक जांच कर लें एवं वैद्य पाए जाने पर भवन, भूखंड क्रय करने की कार्यवाही करें, अन्यथा कि स्थिति में भूमि या मकान खरीदने वाला का होगा। इस कार्यालय की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।

उन्होंने बताया कि बिल्डर या संस्था का नगर निगम/नगर पालिका अथवा अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा जारी काॅलोनाईजर रजिस्टेªेशन का प्रमाण पत्र होना चाहिए। भूमि क्रय संबंधी दस्तावेज, नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा स्वीकृत अभिन्यास (एप्रूव लेआउट) की प्रति एवं उसमें भूखंड की स्थिति, नगर निगम/नगर पालिका/अनुविभागीय अधिकारी-राजस्व द्वारा जारी काॅलोनी विकास की अनुमति क्रमांक एवं दिनांक सहित उल्लेख होना चाहिए। इसी प्रकार शासन के राजस्व विभाग के भू-व्यपवर्तन प्रमाण पत्र, काॅलोनी अथवा समूह आवास की स्थिति में नगर पालिक निगम/नगर पालिका/नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा स्वीकृत भवन निर्माण अनुज्ञा एवं विक्रेता के पक्ष में नवीनतम बी-1 की प्रति होनी चाहिए।

उन्होंने बताया कि स्वीकृत अभिन्यास में आरक्षित 15: ई. डब्ल्यू. एस. भूमि, स्कूल, उद्यान हेतु आरक्षित भूमि बंधक भूखंड/बंधक फ्लैट न खरीदें। कृषि भू-उपयोग वाली भूमि का आवास मद में उपयोग नहीं किया जा सकता है तथा अवैध प्लाटिंग की भूमि भी न खरीदंे।

Tags:    

Similar News

-->