बिलासपुर में जंगली सुअर का शिकार करने वाले चार आरोपियों को वन विभाग की टीम ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से सुअर का मांस, पूंछ, खुर और घटना में प्रयुक्त हथियार भी बरामद कर लिया गया है। एक ग्रामीण से झगड़े के दौरान इस पूरे मामले का खुलासा हुआ। खास बात यह है कि झगड़े के बाद पुलिस आरोपियों को पकड़ कर थाने ले आई। फिर मामला दर्ज कर वन विभाग को सूचना दी। वन विभाग ने प्रकरण लेकर आरोपियों को छोड़ दिया। अफसरों से फटकार लगी तो 9 दिन बाद पकड़ा।
दरअसल, कोटा क्षेत्र के बेलहना वन क्षेत्र के ग्राम पंचायत उमरिया में शराब के नशे में धुत युवक नरेंद्र सिंह बैगा का 9 अक्टूबर को ग्रामीण से विवाद हो गया। तैश में नरेंद्र ने कहा कि वह जंगल से शिकार करके आया है और उसकी भी जान ले लेगा। इस पर ग्रामीण ने इसकी सूचना डायल-112 को दे दी। पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी को बेलगहना चौकी ले गई। पूछताछ में उसने तीन अन्य साथियों उमरिया गांव के ही राजकुमार बैगा, सोनसाय बैगा और बुधरु के साथ जंगली सुअर का शिकार करने की बात बताई।
इसके बाद पुलिस ने बाकी तीनों आरोपियों को भी पकड़ लिया। उनकी निशानदेही पर मांस, हथियार और अन्य सामान बरामद कर लिया। मामला वन विभाग का होने के कारण इसे रेंज के अधिकारी-कर्मचारियों को सौंप दिया। इसके बाद भी वन विभाग की टीम ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इस बीच इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को लगी तो उन्होंने फटकार लगाई। इसके बाद वन अमला सक्रिय हुआ और चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया।
करंट लगाकर मारा
पुलिस की पूछताछ में ही यह पता चल गया था कि चारों आरोपियों ने तार में करंट लगाकर सुअर का शिकार किया था। रात में जब जानवर नदी या तालाब किनारे पानी पीने पहुंचता है तो करंट से उसकी मौत हो गई। सुबह उसके मांस को काटकर आपस में बांट लिए। इतना सब कुछ होने के बाद भी वन विभाग के रेंजर सहित अन्य कर्मचारियों ने प्रकरण दर्ज कर आरोपियों को छोड़ दिया था। इस बीच अफसरों से शिकायत करने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।