छत्तीसगढ़: वीआईपी ट्रीटमेंट करवाने सीएमओ का हाईवोल्टेज ड्रामा, प्रभारी डॉक्टर को भी हड़काया, CMHO को डॉक्टर ने लिखा पत्र

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Update: 2021-04-12 16:42 GMT

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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोटा। बिलासपुर जिले के रतनपुर में नगर पालिका अधिकारी द्वारा वीआईपी ट्रीटमेंट न देने पर दुर्व्यवहार करने का मामला सामने आया है। इसकी शिकायत प्रभारी डॉक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को पत्र लिखकर की है। उन्होंने दुर्व्यवहार से आहत होकर पत्र में लिखा है कि- दबाव में काम नहीं करना है, अगर आम लोगों के लिए वीआईपी की संवेदना नहीं है और जिम्मेदारी नहीं है। तो ऐसे में मुझे चिकित्सालय का प्रभार नहीं चाहिए दबाव में आकर मैं काम नहीं कर सकता ऐसे में मुझे प्रभार से हटा दें।

यह मामला रतनपुर स्वास्थ्य केंद्र का है, जहां रविवार 11 अप्रैल को कोरोना जांच के लिए भीड़ लगी हुई थी। दोपहर 12 बजे नगर पालिका अधिकारी मधुलिका सिंह चंदेल अपने तीन-चार परिजनों को बिलासपुर से कोविड टेस्ट कराने स्वास्थ्य केंद्र पहुंची साथ ही प्रभारी डॉ.अविनाश सिंह पर तुरंत जांच करने के लिए दबाव बनाने लगी। ऐसे में डॉ.अविनाश ने समझाया कि अभी कोविड लैब में बहुत भीड़ है, 93 लोग वेटिंग में है। रविवार होने के कारण स्टॉफ की कमी है। कुछ देर बाद प्राथमिता से जांच करा दिया जाएगा। आरोप है कि सीएमओ मधुलिका सिंह और उसके साथ आए मुकेश जोशी ने कुछ भी समझने से इंकार करते हुए चिल्लाना शुरु कर दिया और डॉ. अविनाश से दुर्व्यवहार करने लगे। डॉक्टर अविनाश ने कलेक्टर और अनुविभागीय अधिकारी कोटा को फोन पर पूरी घटने की जानकारी दी लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों द्बारा भी सीएमओ का पक्ष लेते हुए डॉक्टर पर दबाव बनाया गया।
ऐसे में डॉक्टर अविनाश ने सीएमएचओ डॉ.प्रमोद महाजन को पत्र लिखते हुए कहा है कि एक साल से कोरोना महामारी में दिन रात काम कर रहें है। आम लोगों के लिए मेरी संवेदना गलत है। क्या जो वीआईपी लोगों के जांच के लिए आमजनों को परेशान करूँ। उनका कहना है कि- मैं इस व्यवहार से मानसिक रुप से परेशान हूँ, मुझे रतनपुर के प्रभारी पद से हटा दिया जाये। ऐसी स्थिती में मैं काम नहीं करना चाहता हूँ, प्रभार से मुक्त होना चाहता हूँ।
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