छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने कांस्टेबल के पद पर चल रही पदोन्नति प्रक्रिया की सुनवाई को सुरक्षित रखा

Update: 2022-06-21 16:53 GMT

बिलासपुर: वरिष्ठता का लाभ नियुक्ति तिथि से नहीं दिए जाने के मामले में हाईकोर्ट ने अंतरिम राहत देते हुए कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल के पद पर चल रही पदोन्नति प्रक्रिया में अगली सुनवाई की तिथि तक हेड कांस्टेबल का एक पद सुरक्षित रखने का आदेश पारित किया है।

रायपुर जिले में कांस्टेबल के पद पर पदस्थ राजेंद्र तिवारी की नियुक्ति राजनंदगांव जिले में वर्ष 2006 में हुई थी। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने तिवारी को वर्ष 2007 में रायपुर अटैच किया था। इसी दौरान उनका स्थानांतरण वर्ष 2013 में रायपुर में कर दिया गया था। हेड कांस्टेबल पद पर पदोन्नति पाने के लिए सभी अहर्ता रखने वाले तिवारी का नाम उनके एक जिले से दूसरे जिले में स्थानांतरण के कारण वर्ष 2022 में जारी हुई वरिष्ठता सूची में पीछे रखा गया था। इससे व्यथित होकर उन्होंने अपने अधिवक्ता अनादि शर्मा के जरिये हाईकोर्ट में रिट याचिया दायर की थी। इसकी सुनवाई जस्टिस राजेंद्र चंद्र सिंह सामंत की एकल बेंच में हुई।
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अनादि शर्मा ने यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि याचिकाकर्ता को उनकी नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता का लाभ दिया जाना न्यायसंगत होगा। शर्मा ने न्यायालय को बताया कि याचिकाकर्ता को पूर्व में किए गए स्थानांतरण के कारण उनकी वरिष्ठता में पीछे कर देना छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (सेवा की सामान्य शर्तें) नियम, 1961 में वरिष्ठता से संबंधित निहित प्रावधानों और छत्तीसगढ़ पुलिस कार्यपालिक (आरक्षक से प्रधान आरक्षक एवं प्रधान आरक्षक से सहायक उप निरीक्षक) पदोन्नति मानक संचालन प्रक्रिया, 2021 के नियमों के विपरीत है।
यह तर्क भी रखा गया कि याचिकाकर्ता नियुक्ति के कुछ समय पश्चात् से लगातार रायपुर जिले में पदस्थ रहे हैं, ऐसी स्थिति में जब याचिकाकर्ता शुरुआत से लेकर लगातार सिविल पुलिस में और रायपुर जिले में कांस्टेबल के पद पर पदस्थ रहे हैं तो उनकी कांस्टेबल पर वरिष्ठता की गणना उनकी नियुक्ति की तिथि से की जाएगी ना ही उस तिथि से जब उनका स्थानांतरण वर्ष 2013 में रायपुर जिले में किया गया था। विभाग द्वारा कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल के पद पर पदोन्नति के लिए जो पहली पात्रता व वरिष्ठता सूची विभाग द्वारा जारी कि गई थी, उस पर याचिकाकर्ता ने अपनी वरिष्ठता में सुधार के लिए दावा-आपत्ति पेश की थी, जो पुलिस महानिरीक्षक रायपुर रेंज द्वारा निरस्त कर दी गई थी और वर्तमान में एक दावा-आपत्ति पुलिस महानिदेशक छत्तीसगढ़ के पास लंबित है।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता ने न्यायालय से यह निवेदन किया कि कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल पद पर पदोन्नति प्रक्रिया के कारण और याचिकाकर्ता की वरिष्ठता में जब तक सुधार नहीं होता तब तक याचिकाकर्ता के लिए हेड कांस्टेबल का एक पद सुरक्षित रखा जा सकता है। इस पर शासन के अधिवक्ता द्वारा मामले के संबंध में उचित मार्गदर्शन लेने के लिए समय की मांग की गयी। उपरोक्त तर्कों के आधार पर जस्टिस राजेंद्र चंद्र सिंह सामंत की एकल बेंच ने याचिकाकर्ता को अंतरिम राहत देते हुए अगली सुनवाई तक याचिकाकर्ता के लिए हेड कांस्टेबल का एक पद सुरक्षित रखने का आदेश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 1 जुलाई 2022 को होगी।
Tags:    

Similar News

-->