छत्तीसगढ़ शासन का पेंशनरों के साथ घोर अन्याय : वीरेंद्र नामदेव

Update: 2022-08-16 11:09 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर्स फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र नामदेव ने छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया है कि वह पेंशनर्स के लंबित मंहगाई राहत के मामले में घोर अन्याय कर रही हैं मध्यप्रदेश सरकार के 11% के प्रस्ताव पर कटौती कर 5% महंगाई राहत मई 22 से बढ़ाने का प्रस्ताव देकर छत्तीसगढ़ सरकार स्वयं आदेश जारी करना भूल गई है जबकि मध्यप्रदेश शासन ने छत्तीसगढ़ शासन से 26 जुलाई 22 को प्रस्ताव प्राप्त होने पर 5% महंगाई राहत देने के आदेश 2 अगस्त 22 को जारी कर दिया है जो वहां के पेंशनरो के खाते में एरियर सहित 10 अगस्त 22 तक जमा हो चुका है। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार अपने राज्य के पेंशनरों के लिये सहमति के आधार पर मध्यप्रदेश के सामान 5% के महँगाई राहत के आदेश जारी करना भूल गई है।

और अब आज 6% महंगाई भत्ता बढ़ाने के आदेश जारी करने के बाद अब राज्य के पेंशनर्स पहली बार 11% कर्मचारियों से पीछे हो गया है, छत्तीसगढ़ देश मे ऐसा करने वाला पहला राज्य बन गया है। छत्तीसगढ़ शासन से तुरन्त आदेश जारी करने की मांग की है।

जारी विज्ञप्ति में आगे बताया गया है कि मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) के तहत जब तक दोनों राज्य सरकारें सहमत न हो तब तक दोनों राज्य अपने राज्य के पेंशनर्स को महंगाई राहत किस्तें नहीं दे सकते इसी अधिनियम के बहाने सहमति- असहमति का खेल खेलकर दोनों राज्यों में पेंशनर्स को परेशान किया जा रहा है।जबकि केन्द्र सरकार ने नवंबर 17 में एक अन्य आदेश द्वारा सहमति की प्रक्रिया को समाप्त कर दिया है, परन्तु राज्य शासन ने इसे नजरअंदाज कर सहमति की प्रक्रिया को अपनाए हुए हैं।इसे लेकर दोनों राज्य के पेन्शनर संगठन आंदोलनरत है।

जारी विज्ञप्ति में छत्तीसगढ़ राज्य सँयुक्त पेन्शनर फेडरेशन के अध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव तथा फेडरेशन से जुड़े प्रगतिशील पेन्शनर कल्याण संघ के प्रांताध्यक्ष आर पी शर्मा, पेन्शनर कल्याण संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ डी पी मनहर, पेन्शनर एसोसिएशन के प्रांताध्यक्ष यशवन्त देवान, भारतीय राज्य पेंशनर महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के अध्यक्ष जयप्रकाश मिश्रा एवं पेन्शनर समाज के अध्यक्ष ओ पी भट्ट के साथ विभिन्न पेन्शनर संघो के नेता क्रमशः द्रोपदी यादव,लोचन पांडे,अनिल पाठक,ए के गोल्हानी, सी एल चन्द्रवँशी, श्याम लाल चौधरी, एम एन पाठक, एस के चिलमवार,नागेन्द्र सिंह, एस के बोहरे, आदि ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ सरकार जानबूझकर वित्तीय संकट के बहाने लगातार पेंशनरो जुलाई 19 से महंगाई राहत में कटौती करते आ रही है और अब वह समय आ गया है कि बुजुर्गों के रोके गए समस्त रकम को बिना कटौती भुगतान करने का आदेश जारी करे।


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