छत्तीसगढ़ सरकार का दावा: बेहतर प्रबंधन से कम होने लगी कोरोना की रफ्तार, संक्रमित मरीजों के रिकवरी में आई तेजी
रायपुर:- राज्य में कोरोना संक्रमण की रोकथाम, संक्रमित मरीजों की पहचान और उपचार की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार जिलो को हर सम्भव मदद दी जा रही है। स्वास्थ्य सुविधा को कारगर बनाने के प्रयासों का ही यह परिणाम है कि कोरोना संक्रमितों की रफ्तार में धीरे -धीरे कमी और रिकवरी में तेजी आई है। 16 अप्रैल को राज्य में 14,912 पाजिटिव केस सामने आए, जबकि 15 अप्रैल को कोरोना से संक्रमित पाए गए लोगों की संख्या 15, 256 थी ।
राज्य में कोरोना पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए हर दिन लगभग 50 हजार टेस्ट किए जा रहे हैं. 16 अप्रैल को 49 हजार 584 लोगों की जांच की गई थी, जबकि 15 अप्रैल को 53 हजार 454 लोगों की जांच की गई थी। राज्य में अब तक 05 लाख 16 हजार 412 पाजिटिव प्रकरण सामने आ चुके हैं, जिनमें से 03 लाख 86 हजार 529 लोग कोरोना-मुक्त हो चुके हैं। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को घर पर ही उपचार तथा निगरानी की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। 16 अप्रैल को 11 हजार 807 कोरोना मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। संक्रमितों की संख्या में कमी आने के साथ कोरोना मरीजों की रिकवरी में भी इजाफा हुआ है।
बीते मार्च माह में टेस्टिंग की संख्या प्रतिदिन औसतन 30 हजार थी, जो अप्रैल माह में बढ़कर 50 हजार तक पहुच गई है। माह जनवरी 2021 में रोजाना औसत टेस्टिंग 22 हजार 761 थी, इस लिहाज से देखा जाए तो कोरोना टेस्टिंग की संख्या में लगभग 3 गुना से अधिक का इजाफा हुआ है। राज्य का प्रतिदिन टेस्ट 1620 (प्रति 10 लाख जनसंख्या के मान से) है, जो देश के औसत 1018 से कहीं अधिक है।
राज्य में 31 शासकीय तथा 5 निजी लैब्स में ट्रू- नाट जांच की सुविधा उपलब्ध है। राज्य के 7 शासकीय लैब एवं 5 निजी लैब में कोरोना की आरटीपीसीआर जांच की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। राज्य के ग्रामीण इलाकों के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में भी रेपिड एंटीजन टेस्ट किया जा रहा है ताकि कोरोना संक्रमितों की तेजी से पहचान कर इस महामारी को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सके।
स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में हो रही कुल कोविड जांच में आरटीपीसीआर जांच के प्रतिशत अप्रैल माह में बढ़कर 40 हो गया है,जब कि अक्टूबर 2020 यह 26 प्रतिशत था। प्रत्येक जिले में अतिरिक्त मशीन प्रदाय कर ट्रू- नाट लैब की जांच क्षमता बढ़ाई जा रही है। राज्य में वर्तमान में कोरोना संक्रमण को देखते हुए 604 कंटेनमेंट जोन घोषित किए गए हैं, जहां घर-घर जाकर एक्टिव सर्विलेंस एवं टेस्टिंग की जा रही है।
राज्य में 6 मेडिकल कॉलेज और एम्स रायपुर सहित 36 डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल एवं 137 कोविड केयर सेंटर तैयार किए गए हैं। राज्य के प्रत्येक जिले में डेडिकेटेड कोविड अस्पताल स्थापित किया गया है। शासकीय डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में 4686 बेड तथा कोविड केयर सेंटर में 14,608 बेड स्थापित किए गए हैं। शासकीय डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में 510 आईसीयू, 504 एचडीयू एवं इसके अतिरिक्त 1915 ऑक्सीजन युक्त बिस्तर है। इसी तरह शासकीय कोविड सेंटर में 1787 ऑक्सीजन युक्त बिस्तर तैयार किए गए हैं। निजी कोविड अस्पतालों में कुल उपलब्ध 3,082 बेड, 832 आईसीयू, 381 एचडीयू के अलावा 1232 ऑक्सीजन बेड उपलब्ध है। राज्य में शासकीय अस्पतालों में 514 तथा निजी चिकित्सालयों में 301 इस प्रकार कुल 815 वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा जिलों में आईसीयू ऑक्सीजन युक्त बेड की संख्या बढ़ाने तथा कोरोना पीड़ितों के इलाज की बेहतर व्यवस्थाके लिए जिलों को लगातार वित्तीय सहायता दी जा रही है। मुख्यमंत्री सहायता कोष से अभी हाल ही में 50 करोड़ रुपए जिलों को कोरोना मरीजों के इलाज एवं जरूरतमंदों की मदद की लिए मुहैया कराए गए थे । इससे पूर्व जिलों को कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए लगभग 192 करोड रुपए की आर्थिक मदद दी गई थी।
वर्तमान में राज्य में प्रतिदिन औसतन 2.13 लाख लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा रहा है। राज्य में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं सहित 45 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों को मिलाकर कुल 46.44 लाख लोगों को कोरोना का प्रथम एवं द्वितीय डोज का टीका लगाया जा चुका है। 45 वर्ष से अधिक 36.47 लाख नागरिकों को प्रथम डोज तथा 1.11 लाख लोगों को द्वितीय डोज का टीकाकरण किया जा चुका है। जिलों में टीकाकरण का कार्य तेजी से कराया जा रहा है ताकि कोरोना संक्रमण की रफ्तार को रोका जा सके।