छत्तीसगढ़: बेटी की हजार कोशिशों के बाद भी नहीं बची पिता की जान, परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाया गंभीर आरोप

Update: 2021-04-13 13:54 GMT

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राजनांदगांव। बेबस मायूस एक बेटी की हजार कोशिशों के बाद मेडिकल कॉलेज संबंद्ध जिला अस्‍पताल की लापरवाही ने एक पिता की जान ले ली। दरअसल 11 अप्रैल को बसंतपु‍र निवासी को जिला अस्‍पताल में दाखिल किया गया था। उनका कोविड टेस्‍ट निगेटिव था लेकिन सांस लेने में समस्‍या थी। ऑक्‍सीजन लेवल 70 तक गिर चुका था। डॉक्‍टरों ने उनका निमोनिया बढ़ने की बात कही थी।

सांस लेने में तकलीफ के बावजूद उन्‍हें अस्‍पताल में ऑक्‍सीजन नहीं लगाई जा रही थी। अस्‍पताल में ऑक्‍सीजन उपलब्‍ध न होने की बात क‍ही जा रही थी। वे आईसीयू भर्ती थे। ऐसे में मरीज की बेटी ने खुद ही ऑक्‍सीजन सिलेंडर अपने कंधे पर रखकर आईसीयू पहुंचाया।

बावजूद इसके अस्‍पताल प्रबंधन मरीज को ऑक्‍सीजन देने में लापरवाही करता रहा। खबर है कि कुछ देर के लिए मरीज को वेंटिलेटर सपोर्ट पर भी रखा गया लेकिन इसे भी कुछ ही देर में हटा दिया गया।

13 अप्रैल को मरीज ने दम तोड़ दिया और एक बेटी की अपने पिता को बचाने की जद्दोजहद भारी निराशा और बेबसी के साथ खत्‍म हो गई। हालात यह रहे कि बेटी खुद ही अस्‍पताल के बाहर से अपने पिता के लिए ऑक्‍सीजन सिलेंडर की व्‍यवस्‍था करती रही। लेकिन अस्‍पताल से मदद न मिल पाने की वजह से उसने अपने पिता को खो दिया।

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