छत्तीसगढ़: किसान के बेटे ने जीता कांस्य पदक, सपना कराटे मास्टर बनने की
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सुकमा में खेल एवं क्रिड़ा का अच्छा माहौल हैं, यहाँ क्रिकेट, फुटबाल आदि के साथ इनडोर खेलों के प्रति स्कूली छात्रों और युवाओं में रुझान है। कराटे मेरा प्रिय खेल है और भविष्य में कराटे मास्टर बनना चाहता हूँ। यह कहना है स्वामी आत्मानन्द विद्यालय सुकमा में कक्षा 11वीं के छात्र के ए.विजय तेजा का जिसने हाल ही में आयोजित 21वीं राज्य स्तरीय शालेय खेलकूद प्रतियोगिता अन्तर्गत कराटे में कांस्य पदक अपने नाम किया। विजय ने बताया कि वह वर्ष 2008 से कराटे खेल में विभिन्न राष्ट्रीय, अन्तर्राज्यीय एवं राज्य स्तर के प्रतियोगिताओं में अपना कला का बेहतर प्रदर्शन कर तीनों पदक जीते हैं। वर्ष 2018-19 में विजय ने कराटे के साथ ही स्टीक फैंसिंग खेल में भी पदक अपने नाम किया है।
विजय ने बताया कि उसके पिता ए.सूर्यप्रकाश राव कृषक हैं और कराटे के प्रति खुले मन से प्रोत्साहन देते हैं। इसके साथ ही उनकी माता श्रीमती ए.धनलक्ष्मी एवं भाई-बहन भी उसे इस खेल में आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रोत्साहित करते हैं। विजय नियमित रूप से कराटे का अभ्यास करता है, जिसके लिए उसने अपने घर के छत पर पूरा सेटअप तैयार किया है और प्रतिदिन दो घण्टे अभ्यास करता है। उसने बताया कि इस खेल में जोखिम और सूझ-बूझ दोनों का तालमेल जरूरी है। किसी भी खेल में बेहतर प्रदर्शन के लिए अनुशासन और नियमित अभ्यास आवश्यक है।
स्वामी आत्मानन्द स्कूल में खेल गतिविधियां भरपूर
विजय ने चर्चा के दौरान बताया कि स्वामी आत्मानन्द विद्यालय में पढ़ाई के साथ-साथ ही विभिन्न कलात्मक, रचानत्मक एवं खेल गतिविधियों के माध्यम से बच्चों की प्रतिभा को निखारने का प्रयास किया जा रहा है। शिक्षकों द्वारा विषय ज्ञान के साथ ही खेल तथा अन्य गतिविधियों के संबंध में बच्चों को प्रोत्साहित किया जाता हैं। विजय की चाहत है कि जल्द ही सुकमा में भी कराटे प्रशिक्षण प्रारंभ हो, जिससे और भी अधिक विद्यार्थियों को इस खेल के प्रति प्रोत्साहन मिलेगा।