छत्तीसगढ़: किसानों ने 3 महीने में कमाये 1.50 लाख रूपये, मशरूम की खेती बना आय का साधन
कोरिया जिले में कृषि विज्ञान केन्द्र के द्वारा कोरोना काल में कृषकों को आत्मनिर्भर बनाने एवं आजीविका से जोड़ने के लिए बटन मशरूम की कृषि करवाई गई। इसके लिए कृषकों को बटन मशरूम का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया और कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा 5 कृषकों के प्रक्षेत्र पर प्रायोगिक तौर पर बटन मशरूम की खेती वैज्ञानिक पद्धति से कराया गया।
कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डाॅ. आर.एस. राजपूत ने बताया कि वर्ष 2020-2021 में 50 क्विंटल कम्पोस्ट से लगभग 607 कि.ग्रा. बटन मशरूम का उत्पादन प्राप्त हुआ। बटन मशरूम को लोकल बाजारों में 200 से 250 रू. प्रति कि.ग्रा. की दर से विक्रय किया गया जिससे कृषकों को सकल आय 1 लाख 21 हज़ार से 1.50 लाख रू. तक की आय अर्जित हुई। उन्होंने बताया कि 50 क्विंटल कम्पोस्ट को बनाने में लगभग 50 से 55 हज़ार की लागत आयी। ग्राम-चेर, विकासखण्ड-बैकुण्ठपुर के कृषक श्री अन्नू के द्वारा बटन मशरूम उपज के अलावा 45 हज़ार से 50 हज़ार रू. की कम्पोस्ट तैयार कर बेचा गया। चिरमिरी, विकासखण्ड-मनेन्द्रगढ़, हल्दी बाड़ी की महिला कृषक श्रीमति अंजू के द्वारा 40-50 हज़ार रू. का बटन मशरूम विक्रय किया गया । इसी तरह अंकुर, प्रबोध एवं श्रीमती बुंदकुंवर के द्वारा विक्रय कर बटन मशरूम को आजीविका के साधन बनाया। कोरिया जिले में लोकल बाजारों में बटन मशरूम की काफी मांग है। क्योंकि ये खाने में स्वादिष्ट होते है और इसके भण्डारण क्षमता अन्य मशरूम से अधिक होती है। पहले बटन मशरूम अन्य राज्यों से मंगाया जाता था। अब आसानी से कोरिया जिला में ही उपलब्ध हो रहा है। भविष्य में बटन मशरूम का मूल्यवर्धन कर बाजारों से जोडा जायेगा। केवीके के वैज्ञानिक विजय कुमार ने बताया की सफेद बटन मशरूम की खेती ठण्डी मौसम में किया जाता हैैै। कोरिया जिले में माह अक्टूबर से मार्च तक बटन मशरूम की खेती कर सकते है। बटन मशरूम की 2 फसल आसानी से ली जा सकती है, इसके लिए 15 से 20 से.ग्रे. तापमान और 80 से 85 प्रतिशत नमी की आवश्यकता होती है। सफेद बटन मशरूम के लिए तकनीकी ज्ञान का होना अति आवश्यक है। बटन मशरूम के लिए विशेष प्रकार की कम्पोस्ट तैयार करना पड़ता है। कम्पोस्ट बनाने में 28 से 30 दिनों का समय लगता है, बटन मशरूम का चक्र 90 से 120 दिन का होता है, इसके अलावा इसकी खेती वर्ष भर नियंत्रित कक्ष में की जा सकती है। एक क्विंटल कम्पोस्ट से 12 से 15 कि.ग्रा. उपज प्राप्त होती है।