छत्तीसगढ़: दो पक्षों के बीच विवाद, आरोपियों ने घर में लगाई और की तोड़फोड़

Update: 2021-09-19 16:00 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अंबिकापुर। कोतवाली थाना क्षेत्र के ग्राम केपी अजिरमा में पुरानी रंजिश को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद के बाद घर में आगजनी और तोड़फोड़ का मामला सामने आया है। रविवार को कोतवाली पहुंचे गिरी परिवार के सदस्यों का आरोप है कि दो दिन पहले आगजनी की घटना के बाद आरोपितों ने शनिवार की रात काफी संख्या में पहुंचे आरोपितों ने हथियार से लैस होकर तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया।

आरोपितों ने घर में खड़ी स्कूटी और बोलेरो वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। आगजनी की सूचना पर डायल 112 के साथ पुलिस पहुंची थी और उन्होंने घर के सदस्यों का आग बुझाने में सहयोग भी किया था। हालांकि कोतवाली पुलिस दोनों पक्षों की रिपोर्ट पर अपराध दर्ज कर जांच में लेने की बात कह रही है। जानकारी के मुताबिक 17 सितंबर की रात केपी अजिरमा निवासी गौतम गिरी पिता तुलेश्वर गिरी के घर में गांव के ही दो दर्जन से अधिक लोगों ने पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी। घटना के समय छोटे बच्चे घर के अंदर सो रहे थे, जिसे काफी मुश्किल से उन्होंने बाहर निकाला और रात में ही कोतवाली पहुंचकर घटना की जानकारी दी थी।

शहर में हुई बड़ी चोरी के मामले में उलझी पुलिस ने सूचना पर अपराध दर्ज करने का आश्वासन दिया। इसके बाद ग्रामीण पुलिस के पहुंचने का इंतजार करते रह गए। इधर आरोपित शनिवार की रात पुनः गौतम के घर में हथियार से लैस होकर पहुंचे और तोड़फोड़ करते हुए पूरे घर और सामान, स्कूटी और बोलेरो वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया। गौतम गिरी का कहना है कि करमा पर्व मनाने के लिए झेराडीह से रिश्तेदार दीपक आया था। आरोपितों ने उनसे झेराडीह से कौन आया है कहते हुए पूछताछ किया और पुरानी रंजिश को भुनाने घटना को अंजाम दिया। घटना से भयभीत पूरा परिवार पहले तो भागकर डकई जंगल पहुंचा, बाद में वे जनपद सदस्य नरेंद्र कोरवा के यहां पहुंचकर घटना की जानकारी दिए और पूरी रात वहीं रूके रहे।
एसपी ने पूछा इतनी भीड़ क्यों-
चोरी की गुत्थी सुलझाने में लगे पुलिस महकमे के बीच रविवार की दोपहर सदर कोतवाली पहुंचे पुलिस अधीक्षक अमित कांबले ने अचानक थाने में महिला-पुरूष और बच्चों की भीड़ देखकर पूछा ये भीड़ कैसे लगी है, लेकिन उन्हें वास्तविक घटनाक्रम की जानकारी नहीं मिल पाई और पुलिस अफसर के थाने पहुंचने पर उनके बीच व्यस्त हो गई। बाद में परिवार के एक-दो सदस्यों को अंदर आकर घटना से अवगत कराने कहा गया। थाने पहुंचे लोगों का आरोप था कि अगर पुलिस ने आगजनी की घटना को गंभीरता से लिया होता तो पुनः इस प्रकार की वारदात को आरोपितों के द्वारा अंजाम नहीं दिया गया होता। उन्होंने आगजनी और तोड़फोड़ का वीडियो भी बनाया है।
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