छत्तीसगढ़: जिला चिकित्सालय में 12 करोड़ के भ्रष्टाचार का उजागर, डॉक्टर समेत 3 निलंबित
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जशपुर: जिला चिकित्सालय में भ्रष्टाचार के मामले को लेकर राज्य शासन का बड़ा फैसला आया है. डॉ. एफ खाखा सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक को भ्रष्टाचार के आरोप के तहत निलंबित कर दिया गया है. जिला प्रशासन के द्वारा जांच समिति गठित की गई थी, जिसमें कई खुलासे हुए हैं. जांच समिति की जब रिपोर्ट सामने आई तो सबकी आंखें खुली रह गई. आरोप 5 करोड़ के थे, लेकिन जांच के दौरान 12 करोड़ के भ्रष्टाचार का मामला सामने आया.
बताया जाता है कि नियमों को ताक पर रखकर 12 करोड़ की खरीदी दिखा दी गई, जबकि अधिकांश खरीदी सामग्री का कोई विधिक रिकॉर्ड प्रबंधन के पास नहीं था. करोड़ों की खरीदी हुई, लेकिन टेंडर नहीं किया गया. यह भी बताया जा रहा है कि कुछ फर्म भी अपंजीकृत हैं और कुछ का अस्तित्व भी नहीं था. जांच समिति की रिपोर्ट में तीनों लोगों को मुख्य रूप से जिम्मेदार माना गया है, जिसमें सिविल सर्जन आरएमओ और स्टोर प्रभारी का नाम है.
डॉ . एफ . खाखा , सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक , जिला चिकित्सालय , जशपुर द्वारा विगत दो वर्षों में क्रय नियमों का पालन किये बिना विभिन्न सामग्रियों की खरीदी कर वित्तीय अनियमितता किया जाना पाया गया है. डॉ . खाखा का उक्त कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा ( आचरण ) नियम , 1965 के नियम 3 का स्पष्ट उल्लंघन है.
राज्य शासन द्वारा एफ . खाखा , सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक , जिला चिकित्सालय , जशपुर को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा ( वर्गीकरण नियम , 1966 के नियम 9 ( 1 ) ( क ) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. आदेश में बताया गया है कि निलंबन अवधि में एफ . खाखा का मुख्यालय कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी , सरगुजा ( अंबिकापुर ) होगा. उन्हें मूलभूत नियम -53 के तहत नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी. छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के नाम से आदेश अनुशार यह आदेश जारी किया गया है.