छत्तीसगढ़: हॉस्पिटल पहुंचते ही हो रही है कोरोना मरीजों की मौत, जानें क्यों?

कोरोना का कहर

Update: 2021-04-23 16:11 GMT

बलोदाबाजार। कोरोना की दूसरी लहर से जिले में मौत की संख्या में एकाएक इज़ाफा दर्ज किया गया है। प्रतिदिन लगभग 10 लोग काल-कवलित हो रहे हैं। दूसरी लहर के पिछले सप्ताह में हुई मौत के आंकड़ों ने प्रशासन की चिन्ता बढ़ा दी है। जिले में अब तक कोरोना से 238 लोगों की मौत हो चुकी है। जिला प्रशासन ने मौत सहित कोरोना के आंकड़ों का विश्लेषण किया है। जिसमें प्रमुख तथ्य यह उभरकर सामने आया है कि मरीज़ बीमारी के अंतिम अवस्था में अस्पताल पहुंच रहे हैं। उनकी मौत अस्पताल में भरती के दिन ही अथवा इसके दूसरे दिन रिकार्ड की गई है। इनका कारण यह हो सकता है कि शुरुआत में वे लक्षणों को छुपा रहे हैं। स्थानीय स्तर पर झोला-छाप डॉक्टरों से इलाज करवा रहे होते हैं। जब स्थिति अत्यंत गंभीर एवं नियंत्रण से बाहर होने लगती है तब वे अस्पताल की ओर रुख करते हैं। तब तक विशेषज्ञ डॉक्टरों के हाथों से भी मामला निकल चुका होता है। ऐसी हालात नहीं आने देने की अपील जिला कलेक्टर सुनील कुमार जैन ने की है।

कलेक्टर ने कहा है कि कोरोना बीमारी के प्रति प्रशासन संजीदा है। कोरोना की पहचान से लेकर इलाज तक की जिले में पुख्ता इंतजाम है। विकासखण्ड मुख्यालयों में लगभग 800 बिस्तर के कोविड केयर सेण्टर स्थापित होकर अच्छे से काम कर रहे हैं।जिला मुख्यालय बलौदाबाजार के नई मण्डी परिसर में भी 600 बिस्तर अस्पताल बहुत जल्द काम करने लगेगा। प्रशासन युद्धस्तर पर इसे शुरू करने के काम में लगा हुआ है। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया है कि इस बीमारी को हल्के में न लें। इसे न छुपाएं। लक्षण का जरा भी आभास होते ही तुरन्त कोरोना जांच कराएं। नजदीक के सरकारी प्राथमिक अथवा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्वास्थ्य विभाग ने जांच की निःशुल्क व्यवस्था कर रखी है। सिरदर्द, बदनदर्द, सर्दी, खांसी, बुखार, स्वाद न होना आदि कोरोना के प्रारम्भिक लक्षण हैं। इसके साथ ही कोरोना से बचाव के लिए अनुशंसित प्रोटोकॉल का हमें हर पल पालन करना होगा। हमेशा मास्क का उपयोग, हर एक घण्टे में साबुन से हाथ धोना और भीड़-भाड़ से दूर रहना कोरोना से बचाव का रामबाण उपाय सिद्ध हुए हैं।

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