छत्तीसगढ़: कलेक्टर ने संभाला मोर्चा, सीटी स्कैन की मशीन बिगड़ने पर दिल्ली से बुलाया इंजीनियर, तत्काल कराया ठीक
कोरबा जिले में कोरोना के बढ़ते मरीजों के लिए ईलाज के साथ-साथ उनकी जांच की भी व्यवस्थाएं जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है। मरीजों को अच्छे से अच्छा ईलाज और शासकीय दरों पर जांच की सुविधा देने के लिए खुद कलेक्टर किरण कौशल ने मोर्चा संभाले रखा है। आक्सीजन की बात हो या कोरोना की जांच या सीटी स्केन, हर पहलू पर कलेक्टर की गहरी नजर है। कलेक्टर की पहल पर ही बालाजी कोविड अस्पताल के सीटी स्केन सेंटर की खराब मशीन अब ठीक हो गई है। पिछले लगभग 20 दिनों से खराब पड़ी इस मशीन को ठीक करने के लिए दिल्ली से कंपनी के सर्विस इंजीनियर को बुलाया गया था। मशीन के ठीक हो जाने से अब मरीजों को शासन द्वारा निर्धारित रियायती दर पर सीटी स्केन कराने की सुविधा बालाजी अस्पताल में मिलना शुरू हो जायेगी। इस अस्पताल में न्यूनतम एक हजार 870 रूपये में मरीजों का सीटी स्केन हो सकेगा। मरीज सीटी स्केन कराने के लिए अस्पताल के समन्वयक से मोबाइल नंबर 78801-21141 पर संपर्क कर अपना समय आरक्षित करा सकते हैं। बालाजी कोविड अस्पताल के प्रभारी डाॅ. प्रिंस जैन ने बताया की इस सीटी स्केन मशीन के चालू हो जाने से कोरबा के गंभीर कोरोना मरीजों के साथ-साथ सामान्य मरीजों का भी सीटी स्केन शासन द्वारा निर्धारित दर पर हो सकेगा। इस सीटी स्केन सेंटर में सीने के विदआउट काॅन्ट्रास्ट सीटी स्कैन एक हजार 870 रूपए और विथ काॅन्ट्रास्ट स्कैन के लिए दो हजार 354 रूपए में होगा। कोरोना मरीजों के सीटी स्केन के लिए राज्य शासन और आइसीएमआर द्वारा निर्धारित मापदण्डों का पालन किया जाएगा। कोविड मरीज को पीपीई किट पहनाकर सीटी स्केन किया जायेगा।
जिले में कोरोना मरीजों के ईलाज के लिए बालाजी ट्रामा सेंटर अस्पताल को अधिगृहित कर कोविड अस्पताल के रूप में विकसित किया गया है। अस्पताल में मौजूद सीटी स्केन मशीन के खराब होने के कारण कोरोना सहित अन्य मरीजों को भी कई जांचों के लिए भटकना पड़ रहा था। निजी लैब संचालकों द्वारा सीटी स्केन के लिए कई बार अधिक राशि भी मरीजों से ली जा रही थी। मरीजों की सुविधा के लिए कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने बालाजी अस्पताल के अधिग्रहित सीटी स्केन सेंटर का कुछ दिन पहले जायजा भी लिया था। डाॅक्टरों ने कलेक्टर को बताया था कि सीटी स्केन मशीन में कुछ खराबी है जिसके कारण उसका संचालन नहीं हो पा रहा है। कलेक्टर ने मशीन को सुधारने के लिए तत्काल व्यवस्था करने के निर्देश सीएमएचओ डाॅ. बी.बी.बोडे को दिए थे।
बालाजी कोविड अस्पताल के अधिग्रहित सीटी स्केन सेंटर में सीमेन्स कंपनी की मशीन स्थापित है। बिगड़ी मशीन को सुधारने के लिए कंपनी के इंजीनियर को कोरबा आना था परंतु देश की राजधानी सहित प्रदेश की राजधानी रायपुर में भी कोरोना संक्रमण के कारण बदलते हालातों और लाॅक डाउन से सर्विस इंजीनियर का कोरबा पहुंचना संभव नहीं हो पा रहा था। ऐसे में कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों से स्वयं बात कर सर्विस इंजीनियर को कोरबा भेजने के लिए राजी किया। दो दिन पहले दिल्ली से हवाई जहाज से सर्विस इंजीनियर रायपुर पहुंचा और वहां से सड़क मार्ग से कोरबा पहुंचकर सर्विस इंजीनियर ने सीटी स्केन मशीन की मरम्मत कर उसे चालू कर दिया है।
निजी पैथालाॅजी लैबों में शासन द्वारा निर्धारित दर से ही होगी कोरोना जांच और सीटी स्कैन
डेढ़ सौ रूपये में एंटीजन टेस्ट और साढ़े पांच सौ रूपये में आरटीपीसीआर जांच होगी
कलेक्टर श्रीमती कौशल ने लोगों से निर्धारित शुल्क से अधिक राशि का भुगतान नहीं करने की अपील की
प्रदेश में कोविड-19 के परीक्षण के लिए आरटीपीसीआर, रेपिड एंटिजन और ट्रूनाॅट टेस्ट की दरें भी राज्य शासन द्वारा निर्धारित की गई है। राज्य के निजी अस्पतालों और पैथालाॅजी केन्द्रों में शासन द्वारा निर्धारित दर पर ही कोरोना जांच की जाएगी। निजी पैथोलाॅली लैब और अस्पताल लोगों से कोरोना जांच और सीटी स्कैन के लिए निर्धारित दर से अधिक शुल्क नहीं ले सकेंगे। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने शासन द्वारा निर्धारित शुल्क को निजी जांच केन्द्रों पर फ्लैक्स आदि के माध्यम से प्रदर्शित करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने जिले में कोरोना की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त सभी पैथोलाॅजी लैब और सीटी स्कैन केन्द्रों में संचालकों से निर्धारित दर पर ही कोरोना परीक्षण करने तथा संबंधितों को उसकी रसीद अनिवार्यतः देने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने सभी लोगों से अपील भी की है कि किसी भी परिस्थिति में कोरोना की जांच कराने पर शासन द्वारा निर्धारित दर से अधिक राशि का भुगतान निजी जांच केन्द्रों को ना करें और भुगतान की गई राशि की रसीद अवश्य लेवंे। कलेक्टर ने कोरोना की जांच के लिए शासन द्वारा निर्धारित दर से अधिक राशि लिए जाने वाले पैथोलाॅजी लैबों के विरूद्ध कार्रवाई करने के निर्देश भी सभी एसडीएम को दिए हैं।
राज्य शासन द्वारा आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए यदि सेम्पल कलेक्शन पैथोलाजी सेन्टर में किया जाता है तो इसके लिए मरीज से 550 रूपए का शुल्क निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार सेम्पल कलेक्शन मरीज के घर अथवा प्राइवेट अस्पताल में जाकर लिया जाता है तो उस स्थिति में मरीजों कोे जांच शुल्क के रूप में 750 रूपए का भुगतान करना होगा। इसी तरह ट्रूनाॅट टेस्ट के लिए यदि कोविड-19 टेस्ट का सेम्पल कलेक्शन पैथोलाजी सेन्टर में किया जाता है तो इसके लिए जांच शुल्क एक हजार 300 रूपए प्रति मरीज लिया जायेगा। सेम्पल कलेक्शन मरीज के घर अथवा प्राइवेट अस्पताल में जाकर लिया जाता है तो उस स्थिति में मरीजों से जांच शुल्क के रूप में एक हजार 500 रूपए लिया जाएगा। रेपिड एंटिजन टेस्ट के लिए यदि कोविड-19 टेस्ट का सेम्पल कलेक्शन पैथोलाजी सेन्टर में किया जाता है तो इसके लिए जांच शुल्क 150 रूपए प्रति मरीज लिया जायेगा। इसी प्रकार सेम्पल कलेक्शन मरीज के घर अथवा प्राइवेट अस्पताल में जाकर लिया जाता है तो उस स्थिति में मरीजों को जांच शुल्क के रूप में 350 रूपए चुकाना होगा। इन शुल्कों में सेम्पल कलेक्शन, ट्रांसपोर्ट शुल्क, जांच शुल्क एवं कंज्युमेबल, पीपीई किट इत्यादि का शुल्क सम्मिलित है। निर्धारित दर से अधिक राशि लेने पर संबंधित संस्थानो के विरूद्ध एपीडेमिक डिसीज एक्ट 1897, छत्तीसगढ़ पब्लिक एक्ट 1949 एवं छत्तीसगढ़ एपीडेमिक डिसीज कोविड-19 रेग्युलेशन एक्ट 2020 के तहत दण्डनीय कार्रवाई की जाएगी।