छत्तीसगढ़: कलेक्टर ने कृषि विभाग के अधिकारी को थमाया नोटिस...शासकीय कार्य में कोताही बरतने का आरोप
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कलेक्टर संजीव कुमार झा ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से साप्ताहिक समय-सीमा की बैठक में विभागीय कार्यो की समीक्षा की। उन्होंने गोधन न्याय योजना के तहत गोठानो में समूह की महिलाओं द्वारा कृषि विभाग के अधिकारियों के देख-रेख में तैयार किए जा रहे वर्मी कम्पोस्ट खाद निर्माण की समीक्षा करते हुए कहा कि वर्मी कम्पोस्ट खाद निर्माण के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र के अधिकारियों द्वारा दी गई प्रशिक्षण के अनुसार ही वर्मी टांका में लेयर के अनुसार गोबर, कचड़ा एवं केंचुआ डाले। कृषि विभाग अधिकारियों की जांच टीम बनाकर गोठानों में तैयार किये जा रहे वर्मी कम्पोस्ट निर्माण का सतत निगरानी करें। कलेक्टर ने समीक्षा के दौरान सीतापुर जनपद के गोठानों में वर्मी कम्पोस्ट निर्माण प्रशिक्षण के अनुसार तैयार नहीं किए नहीं जाने पर वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी को कारण बताओ सूचना जारी करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने गोधन न्याय योजना समीक्षा करते हुए कहा कि अब तक अपूर्ण वर्मी टांका को शीघ्र पूरा कराएं तथा जो गोबर बाहर रखे हुए हैं उसे वर्मी टांका में ड़ाल कर वर्मी कम्पोस्ट तैयार कराएं। उन्होंने कहा कि वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र के अधिकारियों द्वारा दी गई प्रशिक्षण के अनुसार ही वर्मी टांका में गोबर,कचड़ा एवं उच्च गुणवत्ता के केंचुआ को डाले। उन्होंने कहा कि जिन गोठानों में वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी रूचि नहीं ले रहे हैं उन पर कृषि विभाग आवश्यक कार्यवाही करें। कलेक्टर ने कहा कि गोठानों में पशुओं के चारा के लिए लगाए गए नेपियर घास को भी समय - समय पर निगरानी करें। बारिश समाप्त होने पर नमी कम होने से नेपियर घास के सूखने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए बीच-बीच में सिंचाई भी कराएं। जिन गोठानों में अब तक नेपियर घास नहीं लगा है वहां पहले से लगे हुए नेपियर के स्लाईड स्लिप से पुनः लगाएं।
कलेक्टर ने समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि खाद्य विभाग लक्ष्य के अनुसार बारदाने की उपलब्धता सुनिश्चित करें तथा सहकारिता विभाग समितियों में धान पंजीयन की प्रविष्टि शीघ्रता से कराएं। उन्होंने कहा कि समितियों में धान के रकबे की शुद्धता पूर्वक प्रविष्टि हेतु खाद्य अधिकारी, जिला सहकारिता अधिकारी, जिला सहकारी केन्द्री बैंक, जिला विपणन अधिकारी तथा नान के जिला प्रबंधक की संयुक्त टीम द्वारा जांच की जाए। उन्होंने कहा कि पटवारियों द्वारा की गई गिरदावरी के अनुसार ही समितियों के कम्प्यूटर ऑपरेटर धान के रकबे का प्रविष्टि सुनिश्चित करें।
जिले में चलेगा पढ़ना लिखना अभियान - कलेक्टर झा ने कहा कि साक्षरता कार्यक्रम के तहत केन्द्र प्रवर्तित पढ़ना लिखना अभियान इस वर्ष से स्वीकृत किया गया है जिसमें जिले के 15 वर्ष से अधिक आयु के असाक्षरों को बुदियादी साक्षरता प्रदान किया जाएगा। सरगुजा जिले को सत्र 2020-21 में 10 हजार का लक्ष्य दिया गया है। यह कार्यक्रम ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों में संचालित होगा। पढ़ना लिखना अभियान के क्रियान्वन हेतु डोर-टू-डोर सर्वे ग्राम साक्षरता प्रभारी, शिक्षक एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से ग्राम पंचायत स्तर पर किया जाएगा। उन्होंने जिले के सभी विभाग प्रमुखों को पढ़ना लिखना अभियान के गुणवत्तापूर्ण संचालन में सहयोग के निर्देश दिए।
बनेगे पांच-पांच आत्मनिर्भर गोठानों - कलेक्टर ने कहा कि सभी जनपदों में प्रारंभिक तौर पर पांच-पांच आत्मनिर्भर गोठान बनाए। इन गोठानों में महिला समूह द्वारा तैयार की जा रही वर्मी कम्पोस्ट खाद के विक्रय से ही गोबर खरीदी की राशि का भुगतान गोबर विक्रेताओं को किया जाएगा। शासन द्वारा गोबर खरीदी के लिए राशि जारी नहीं की जाएगी। इस प्रकार गोठानों में गोबर की गतिविधि चक्र के रूप जारी रहेगी और समूहों को आय भी प्राप्त होगा।
एवं राज्य शासन की प्राथमिकता वाली योजना है इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न हो। उन्होंने कहा कि गोबर से वर्मी कम्पोष्ट खाद बनाने के लिए एक वर्मी टांका में प्रत्येक लेयर में खाद और कचड़े की मात्रा तय हो। इसके लिए एक मानक तय करे ताकि सभी गोठानो मे वर्मी कम्पोष्ट समान रूप से तथा गुणवत्तापूर्ण तैयार हो सके। उन्होंने वर्मी कम्पोष्ट खाद बनाने हेतु द्वितीय चरण के प्रशिक्षण के लिए कृषि विज्ञान केंद्र तथा एनआरएलएम के अधिकारियों को ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों की बेहतर प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि गोठानो में तैयार की जा रही वर्मी कम्पोष्ट खाद की जानकारी रखें तथा वर्मी टांका में किस तिथि को गोबर डाली गई और संभावित तिथि तक कितना वर्मी कम्पोष्ट खाद तैयार होगा इसकी जानकारी भी गोठानों में रखें। उन्होंने द्वितीय चरण के तहत जिले में निर्मित 105 गोठानो में भी गोबर खरीदी शुरू कर वर्मी खाद तैयार करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने नरवा, गुरूवा, घुरवा और बाड़ी योजना के नरवा घटक के तहत जल संचय के काम शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बारिश समाप्त हो गई है और नालों में पानी भी कम हो गया है। नालो का पानी रोकने के लिए बोल्डर बांध निर्माण कराए तथा वन अधिकार पत्रधारी किसानों को रोजगार दिलाएं। इसके साथ ही जो किसान डबरी बनवाने के इच्छुक हो उनके खेत मे डबरी का काम शुरू करें। डबरी केवल गड्ढा बनाने के लिए नही बल्कि पानी का संचय हो इस उद्देश्य से बनाये। पूर्व में स्वीकृत तथा अब तक अप्रारंभ डबरी का भौतिक सत्यापन कराये। यदि डबरी के लिए उपयुक्त नही है तो निरस्त कर अन्य उपयुक्त स्थल पर डबरी की स्वीकृति दें।
सभी विकासखण्डों में स्थापित होगा फूडपार्क- कलेक्टर ने बताया कि जिले के सभी सात विकासखण्डों मेें फूडपार्क बनाने की स्वीकृति शासन द्वारा स्वीकृति मिली है। फूडपार्क में फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना होगी जिससे आस-पास के ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध होगा। उन्होंने जिला उद्योग एवं व्यापार केन्द्र के अधिकारियों को फूडपार्क स्थापना के लिए संबंधित विकासखण्ड में स्थल चयन के साथ भूमि अधिग्रहण हेतु आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने जिले में डैगन फ्रूट एवं कीवी की खेती के लिए उपयुक्त स्थल का चयन एवं तकनीकी मार्गदर्शन के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने रबी सीजन में दलहन की खेती के लिए सिंचित क्षेत्र का निर्धारण कर किसानों को मटर, चना एवं अरहर की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कुलदीप शर्मा, अपर कलेक्टर ए.एल. ध्रुव, सभी एस. डी.एम., तहसीदार, जनपद सी.ई.ओ. तथा जिला अधिकारी ऑनलाईन जुडे हुए थे।