छत्तीसगढ़: लॉकडाउन के आठ महीने बाद हर सेक्टर में बूम

धनतेरस पर बाजार में लौटी रौनक, करोड़ों की खरीदारी

Update: 2020-11-14 05:37 GMT

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। लॉकडाउन के बाद ऐसा पहली बार हुआ जब बाजार में धनतेरस पर जमकर पैसा बरसा। कोरोना काल में अब तक घरों में रहने वाले लोगों ने बाजारों में दिल खोलकर खरीदारी की। बाजारों में सुबह से ही लोगों की भीड़ उमडऩे लगी। भीड़ की वजह से देर रात तक बाजार और दुकानें गुलजार रहे। ज्यादातर शो रूम में बाइक और कार की डिलीवरी के लिए लोग अपनी बारी का इंतजार करते रहे। राजधानी में दो दिन में ही 15 हजार से ज्यादा बाइक और करीब 1500 कारें बिक गईं।

छत्तीसगढ़ चैंबर, कैट, फिक्की, विप्र चैंबर समेत कई व्यापारिक संगठनों का दावा है कि धनतेरस के दो दिनों यानी गुरुवार और शुक्रवार को प्रदेश भर में 1 हजार करोड़ से ज्यादा का कारोबार हुआ। पहले दिन गुरुवार को करीब 400 और दूसरे दिन शुक्रवार को 600 करोड़ से ज्यादा का व्यापार हुआ। धनतेरस में इस बार सबसे ज्यादा दो और चार पहिया वाहनों की बिक्री हुई। ऑटोमोबाइल्स डीलरों के अनुसार छत्तीसगढ़ में 35 हजार दोपहिया और 3600 से ज्यादा कारें बिकी। गाडिय़ों में 325 करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार किया गया।

रजिस्ट्री दफ्तर में देर रात तक भीड़ : धनतेरस में खुद के मकान का सपना पूरा करने के लिए लोगों ने मकान-जमीन की भी खूब खरीदी की। खास अवसर पर मकान मालिक बनने के लिए लोगों की भीड़ देर रात रजिस्ट्री दफ्तर में लगी रही। धनतेरस की वजह से शुक्रवार को टोकन भी ज्यादा बांटे गए। अफसरों ने सभी को भरोसा दिलाया कि जितने टोकन बंटे हैं उन सबकी रजिस्ट्री के बाद ही दफ्तर बंद किया जाएगा। मुख्य पंजीयन बीएस नायक ने बताया कि कई महीनों के बाद पंजीयन दफ्तर में लोगों की भीड़ दिखाई दी।

राजधानी में 150 करोड़ का करोबार : गाडिय़ों के बाद लोगों ने सबसे ज्यादा कपड़ों की खरीदी की। बाजार में दिवाली के लिए नया स्टॉक और सेल की वजह से लोगों ने कपड़ों में बड़ी दिलचस्पी दिखाई। सोना-चांदी, बर्तन, सजावटी सामान से ज्यादा इस बार कपड़ों की बिक्री हुई है। कपड़े की सबसे बड़ी मंडी रायपुर में होने की वजह से केवल राजधानी में ही 150 करोड़ से ज्यादा का कारोबार हुआ है। राज्यभर में 350 करोड़ से ज्यादा के कारोबार का दावा है। लोकल, ब्रांडेड सभी तरह की दुकानों में कपड़ों की बिक्री होती रही। धनतेरस में सोना खरीदी को शुभ माना जाता है इसलिए शहर के सदरबाजार, हलवाई लेन में भी लोगों की भीड़ रही। सराफा कारोबारियों का कहना है कि सोना महंगा होने की वजह से लोगों ने कम वजन की ज्वैलरी की ज्यादा खरीदी की। सोने-चांदी के सिक्के भी खूब बिके।

बाजार में फोरव्हीलर बैन, ट्रैफिक कंट्रोल करने बनाई व्यवस्था

दिवाली पर शनिवार को त्योहारी भीड़ कंट्रोल करने प्रमुख बाजारों के ट्रैफिक सिस्टम में बदलाव किया गया है। बूढापारा चौक से कोतवाली की ओर किसी भी चार चक्के वाले वाहन को एंट्री नहीं दी जाएगी। टिकरापारा और पुरानी बस्ती की ओर से आकर कोतवाली चौक से कोई भी वाहन मालवीय रोड या सदर में नहीं जा सकेंगे। वाहन चालकों को गांधी मैदान से फायर ब्रिगेड चौक होकर छोटापारा रोड से मालवीय रोड पहुंचना होगा। ई रिक्शा की एंट्री सदर में बैन कर दी गई है। तात्यापारा और कंकाली तालाब की ओर आने वाले ऑटो व ई-रिक्शा सद्दानी चौक से सदर के लिए आगे नहीं बढ़ सकेंगे। आटो और ई-रिक्शा को बूढ़ातालाब की ओर टर्न किया जाएगा। हालांकि वे सवारी को कोतवाली चौक में बैठा सकेंगे। कोतवाली चौक की ओर से ही उन्हें सदर में एंट्री दी जाएगी। ट्रैफिक के हालात को देखते हुए मालवीय रोड पर पुलिस ने सभी कट बंद कर दिए हैं। डीएसपी सतीश ठाकुर ने बताया कि त्योहार के आखिरी दिन शनिवार को भीड़ बढ़ेगी। इसलिए बाजार के ट्रैफिक सिस्टम में आंशिक बदलाव किया गया है। इसी तरह फूल और केला के बाजार के लिए शहर की व्यवस्था को 6 सेक्टर में बांटा गया है। इसके लिए 32 पेट्रोलिंग टीम बनाई गई। दूसरे शहरों से भी अतिरिक्त फोर्स बुलायी गयी है। वे शहर की खाली जगह और मैदानों पर दुकानें लगा सकेंगे।

त्योहारी सामग्री का अलग अस्थाई बाजार

निगम ने त्योहारी सामग्री के लिए शहर के चारों ओर अस्थाई बाजार बनाए हैं। इसमें तेलीबांधा, श्याम नगर, कटोरातालाब, शंकर नगर, बीटीआई मैदान, लोधीपारा, मंडी गेट, मोवा ब्रिज के नीचे, मोवा बाजार, फाफाडीह, देवेंद्र नगर एक्सप्रेस-वे के नीचे, खमतराई, आमापारा, मोहबाबाजार, लाखेनगर में अस्थाई बाजार बनाए गए हैं।

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