छत्तीसगढ़: विद्युत विभाग के पावर प्लांट में बड़ा बवाल, तोड़फोड़-पथराव के बीच पुलिस ने की पानी की बौछार, जाने क्या है पूरा माजरा
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छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले के मड़वा स्थित विद्युत विभाग के अटल बिहारी पावर प्लांट में बड़ा बवाल हो गया है। यहां प्लांट के विरोध और जमीन के बदले स्थायी नौकरी नहीं देने को लेकर लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे लोगों ने प्लांट के बाहर पुलिसकर्मियों को घेरकर पीटा। उन पर जमकर पथराव भी किया है। इस घटना में कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। आंदोलनकारियों ने परिसर में खड़ी कई गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की और बस जला दी। साथ ही पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की गाड़ी को तोड़ दिया गया है।
जिले के मड़वा, तेंदूभांठा में अटल बिहारी ताप विद्युत गृह संचालित है। प्लांट के लिए 2008 में जमीन अधिग्रहण शुरू हुआ। 2015-16 से यहां एक हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो गया है। उस दौरान मड़वा, तेंदूभांठा के लोगों को वादा किया गया था कि उन्हें यहां नौकरी दी जाएगी। जिसके बाद बहुत से लोगों को काम पर भी रखा गया। मगर करीब 400 लोग ऐसे थे, जिन्हें संविदा नियुक्ति दी गई और उन्हें अलग-अलग जिलों में नियुक्ति दी गई। कई ऐसे भी ग्रामीण हैं जिनका कहना है कि उनकी जमीन ले ली गई, लेकिन नौकरी नहीं दी गई। नौकरी देने और स्थायी करने की मांग को लेकर ग्रामीण पिछले 06 दिसंबर से जांजगीर के कचहरी चौक में प्रदर्शन कर रहे थे।
आंदोलनकारियों का कहना है कि इतने दिन से प्रदर्शन करने के बावजूद हमारी मांगों को नहीं सुना गया। इसलिए उन्होंने 01 जनवरी से प्लांट के सामने ही प्रदर्शन शुरू किया था। प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल हैं। इस बीच रविवार को प्रशासनिक अधिकारी और आंदोलनकारियों के बीच में बातचीत होनी थी। पहले राउंड की बातचीत हुई भी थी लेकिन वह विफल रही। इसके बाद शाम 5 बजे से सीनियर अधिकारियों के साथ आंदोलनकारियों की बातचीत होनी थी। आंदोलनकारियों का 10 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल अंदर भी जा चुका था। मगर इससे पहले ही बवाल हो गया। प्रदर्शन के मद्देनजर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था।
बताया जा रहा है कि अचानक हुए विवाद में आंदोलनकारियों ने पुलिसवालों पर ही हमला कर दिया। पुलिस की टीम उन्हें समझाने में लगी रही। लेकिन उन्होंने एक न सुनी लाठी और डंडे से पुलिसवालों को ही पीट दिया गया। इसके अलावा उन पर पथराव भी किया गया है। आंदोलनकारी सुबह से ही लाठी और डंडे लेकर प्लांट के सामने पहुंचे थे।
प्लांट के बाहर अब भी तनाव का माहौल है। कलेक्टर, एसपी समेत अधिकारी भी प्लांट के अंदर ही फंसे हुए हैं। कुछ पुलिसकर्मियों के जंगल में छिपे होने की खबर है। आंदोलनकारियों ने प्लांट की गाड़ियां, पुलिस की गाड़ियां और एक बस को आग लगा दिया है। फिलहाल पुलिस की और टीमों को मौके पर बुलाया जा रहा है। प्रशासन की टीम इन्हें समझाने में लगी हुई है।
नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे मड़वा ताप विद्युत गृह के संविदा कर्मचारियों से प्रशासन ने जब कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए हट जाने का आग्रह किया तो आंदोलनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया। मड़वा प्लांट में कुछ एसे कर्मचारी फंसे थे जो ब्लड प्रेशर और शुगर के मरीज थे जिन्हें वहां से निकालना जरूरी था, ऐसे में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन को हल्की पानी की बौछार का प्रयोग करना पड़ा।
ये कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से आंदोलन पर हैं। कंपनी प्रबंधन तथा आंदोलन कारियों के बीच बातचीत भी लगातार चलती रही है। कर्मचारियों की मांगों को लेकर प्रशासन द्वारा भी लगातार मध्यस्थता की जा रही है। पूर्व में इन कर्मचारियों ने छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल के अध्यक्ष से बातचीत कराए जाने का आग्रह प्रशासन से किया था। इस पर प्रशासन ने 04 जनवरी का समय तय किया लेकिन कर्मचारियों का कहना था कि वार्ता और जल्दी कराई जाए। इस पर प्रशासन ने 03 जनवरी की नई तारीख तय की। आंदोलनकारी इस पर भी राजी नहीं हुए और वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आज ही बातचीत कराने की जिद करने लगे।
उनकी इस जिद के बावजूद प्रशासन ने सहानुभूति पूर्वक पहल करते हुए वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उनकी बात छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल के अध्यक्ष से कराई। इसके बाद भी आंदोलन कारियों ने हटने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती वो नहीं हटेंगे। इस पर जांजगीर कलेक्टर तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने आंदोलन कारियों को समझाइश दी कि उनकी सभी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जा रहा है, चूंकि कोरोना का संक्रमण गंभीर रूप से बढ़ रहा है इसलिए वे फिलहाल आंदोलन स्थल से हट जाएं। वरिष्ठ अधिकारियों की इस समझाइश पर आंदोलन कारियों में शामिल कुछ उपद्रवी तत्वों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी जिससे कई सुरक्षाकर्मी घायल हो गए।