छत्तीसगढ़: DJ समेत ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर लगा प्रतिबंध...कलेक्टर ने जारी किया आदेश

Update: 2021-02-26 14:14 GMT

छत्तीसगढ़/कांकेर। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी चन्दन कुमार द्वारा विश्वविद्यालयीन, माध्यमिक शिक्षा मंडल एवं अन्य विद्यालयीन परीक्षा के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई में कोई व्यवधान न हो, इसलिए छत्तीसगढ़ कोलाहल प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1985 की धारा-4 एवं धारा-6 के अंतर्गत सम्पूर्ण कांकेर जिले में राजस्व सीमा के अन्दर तीव्र संगीत, हार्नटाइप, ध्वनि विस्तारक का उपयोग अनुज्ञा के बिना तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध किया गया है।

कलेक्टर श्री चन्दन कुमार द्वारा अधिनियम की धारा-7 के अंतर्गत ध्वनि विस्तारक चलाये जाने के लिए अनुमति हेतु प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया गया है। तहसील कांकेर के लिए प्राधिकृत अधिकारी, अनुविभागीय दण्डाधिकारी कांकेर को नियुक्त किया गया है। इसी प्रकार तहसील चारामा के लिए अनुविभागीय दण्डाधिकारी चारामा, तहसील नरहरपुर के लिए तहसीलदार एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी नरहरपुर, तहसील भानुप्रतापपुर के लिए अनुविभागीय दण्डाधिकारी भानुप्रतापपुर, तहसील दुर्गूकोंदल के तहसीलदार एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी दुर्गूकोंदल, तहसील अंतागढ़ के लिए अनुविभागीय दण्डाधिकारी अंतागढ़ तथा तहसील पखांजूर के लिए अनुविभागीय दण्डाधिकारी पखांजूर को प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया गया है।

कलेक्टर श्री चन्दन कुमार ने प्राधिकृत अधिकारियों को परीक्षा के दौरान ध्वनि विस्तारक यंत्र चलाये जाने की अनुमति हेतु प्राप्त आवेदन पत्रों की पंजी रखने तथा प्रत्येक प्राप्त आवेदन पत्रों की तिथि एवं समय दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्राप्त आवेदन पत्र का परीक्षण कर पृथक से अनुमति आदेश जारी किया जावे, जिसमें अनुमति की तिथि एवं समय का भी स्पष्ट उल्लेख किया जावे। प्रदान की गई अनुमति की सूचना संबंधित क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी पुलिस एवं थाना प्रभारी को तथा कलेक्टर कार्यालय को भेजना सुनिश्चित करेें। अनुमति देते समय अधिनियम में निर्देशित अनुदेशों का पूर्णतः पालन किया जावे, यदि एक ही तिथि एवं समय में एक ही स्थान पर एक से अधिक व्यक्तियों के द्वारा आवेदन किया जाता है तो प्रथम प्राप्त आवेदन के आधार पर प्रथम आवेदक को ध्वनि विस्तार की अनुमति दिया जावे तथा उसके बाद की अवधि में दूसरे आवेदक को अनुमति दिए जाने पर विचार किया जावे। यह आदेश 31 मई 2021 तक प्रभावशील रहेगा तथा इन आदेशों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिये हैं।

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