छत्तीसगढ़: आर्मी जवान की हत्या का मामला, गुनाह कबूलने के बावजूद आरोपी भाइयों को गिरफ्तार नहीं कर पा रही पुलिस
मुंगेली। जिले के पथरिया इलाके में निवासरत सेना के जवान की गुमशुदगी का मामला सामने आया है, जो चर्चित फिल्म 'दृश्यम' की याद दिलाता है. जवान की हत्या की बात उसके दोनों भाइयों ने जरूर कबूल ली है, लेकिन शव नहीं मिलने से पुलिस पशोपेश में है. यही वजह है कि मामले में अभी तक पुलिस ने एफआईआर तक दर्ज नहीं किया है. मुंगेली जिले के पथरिया इलाके के बगबुड़वा गांव में रहने वाले राष्ट्रीय रायफल के 47वीं बटालियन के जवान दोवेश नेताम छुट्टी लेकर घर आए थे, लेकिन उसके कई दिनों से लापता रहने पर पिता नाथूराम नेताम ने पथरिया थाने के गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कराई है. रहस्यमय तरीके से जवान के गायब होने के मामले को पुलिस ने गंभीरता से लेते हुए जांच जरूर शुरू की, लेकिन किसी ऐसे निष्कर्ष तक नहीं पहुंच सकी है, जिससे यह मामला सुलझ सके.
पुलिस ने जब मामले की जांच हत्या की दिशा में शुरू की, तब चौंकाने वाली बात सामने आई है. पुलिसिया पूछताछ में लापता आर्मी जवान के दो भाइयों ने हत्या की बात कबूल कर सनसनी मचा दी, लेकिन जवान का शव नहीं मिलने के कारण मामला उलझ कर रह गया है. दरअसल, हत्या की बात कबूलने वाले दोनों भाइयों ने जिस जगह पर शव दफनाने का जिक्र किया, वहां से शव बरामद नहीं हो सका है. ऐसे में पुलिस की कार्रवाई भी रूक गई है.
स्थिति ये है कि अब तक पुलिस इस मामले में सिर्फ गुमसुदगी का ही रिपोर्ट दर्ज कर पाई है. थाना प्रभारी आलोक सुबोध का कहना है कि जवान के भाइयों ने विवेचना के दौरान जो बात कही है, उसकी सच्चाई को जानने के लिए विस्तृत जांच कर रहे हैं. जवान का शव मिलने या अन्य कोई सुराग मिलते ही मामले में हत्या का अपराध दर्ज किया जाएगा, और दोषियों के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई की जाएगी.