छत्तीसगढ़: निगम-आयोगों में भाजपाइयों की नियुक्ति...ठगे जा रहे कांग्रेसी
कार्यकर्ता पूछने लगे हैं प्रदेश में सरकार किसकी? भाजपा या कांग्रेस की
किशोर न्याय बोर्ड और बालक कल्याण समिति में नियुक्ति को लेकर रोष
'जनता से रिश्ता' ने निगम मंडलों में नियुक्ति से पहले ही फूलछाप कांग्रेसियों को तवज्जो मिलने और आम कांग्रेसियों के ठगे जाने को लेकर खबरें प्रकाशित की थी
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। कांग्रेसी एक दूसरे सवाल कर रहे है कि प्रदेश में सरकार किस पार्टी की है, यहां तो निगम-आयोग में संघ और भाजपा से जुड़े लोगों की नियुक्ति से तो ऐसा लगता है यहां कांग्रेस नहीं बल्कि किसी दूसरे पार्टी की सरकार है। अपने आप को कांग्रेसी ठगा सा महसूस कर रहे है। निगम-मंडलों की नियुक्ति में अपने नाम देखने के लिए लालायित खाटी और पुराने कांग्रेसियों की पीड़ा आखिर सामने ही आ गया है।
कांग्रेस में पुराने कांग्रेसियों की उपेक्षा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में महिला और बाल विकास से संबंधित दो समितियों में नियुक्ति की है, जिसमें संघ और भाजपा की पृष्ठ भूमि से जुड़ें लोगों की नियुक्ति से कांग्रेस में एक बार फिर विद्रोह सामने आने लगा है। 'जनता से रिश्ताÓ ने निगम मंडलों में नियुक्ति से पहले ही फूलछाप कांग्रेसियों को तवज्जो दिये जाने की बात बताई थी। हाल ही में महासमुंद जिले में किशोर न्याय बोर्ड और बालक कल्याण समिति में नियुक्त अध्यक्ष और सदस्य सभी बाजपा के वर्तमान सक्रिय सदस्य है। इसी तरह बोर्ड में भी दोनों सदस्य संघ और भाजपा से जुड़े है। वहीं हाल दुर्ग में भी है, जिसकी शिकायत कार्यकर्ताओं ने प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया से की है। अब नियुक्ति को निरस्त करने का दबाव कार्यकर्तओं ने बढ़ा दिया है। संगठन के पदाधिकारी इस मामले में सीध मुख्यमंत्री से मिलकर शिकायत करने वाले है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने इस मामले में विभागीय मंत्री अनिला भेंडिय़ा से जानकारी मांगी है। अब तक मंत्री ने जानकारी नहीं दी है, क्षेत्रीय विधायकों ने भी इस मामले में अनभिज्ञता जाहिर की है।
जिलाध्यक्षों ने खोला मोर्चा : सभी जिला अध्यक्षों ने इसके विरोध लामबंद होकर पीसीसी में विरोध भी दर्ज करा दी है। जिला अध्यक्षों की नाराजगी और बवाल के बाद अब शिकायत पुनिया तक पहुंच गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बिहार से लौटते ही सभी जिला अध्यक्ष एकजुट होकर सीएम से मुलाकात कर कांग्रेसियों की उपेक्षा से जिला में पार्टी को धक्का लगा है, जो दूरगामी परिणाम पर असर डाल सकता है।
कार्यकर्ताओं में रोष
कांग्रेस कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर भाजपाइयों की नियुक्ति के खिलाफ जिला अध्यक्षों और बड़े पदाधिकारियों का आक्रोश फूट पड़ा है। हैरानी की बात यह है कि नियुक्ति से पहले किसी भी जिलाअध्यक्ष से अनुशंसा नहीं ली गई है। अंदरूनी सांठगांठ और स्थानीय स्तर पर गुमराह करते हुए अनुशंसा कर दी गई है। महासमुंद, दुर्ग, रायपुर जिले में भी बोर्ड और समितियों में नियुक्ति को लकर कोई पूछ परख नहीं की गई है।